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मुरादाबाद में लेखपाल का 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए वीडियाे वायरल, मामले की होगी जांच

lekhpal bribe video viral तहसील सदर के लेखपाल का रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हो रहा है। इसके साथ रुपये देने वाले ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया है। इस प्रकरण में उप जिलाधिकारी प्रशांत तिवारी ने जांच कराने की बात कही है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 08:50 AM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 08:50 AM (IST)
मुरादाबाद में लेखपाल का 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए वीडियाे वायरल, मामले की होगी जांच
उप जिलाधिकारी प्रशांत तिवारी ने जांच कराने की बात कही है।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। lekhpal bribe video viral : जनपद भ्रष्टाचार के मामले में आगे निकलने की होड़ में लगा है। सरकारी कर्मचारियों पर आए दिन गंभीर आरोप लग रहे हैं। अब तहसील सदर के लेखपाल का रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हो रहा है। इसके साथ रुपये देने वाले ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया है। इस प्रकरण में उप जिलाधिकारी प्रशांत तिवारी ने जांच कराने की बात कही है।

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थाना कटघर क्षेत्र के दुर्गेश नगर डबल फाटक निवासी संजीव कुमार ने लेखपाल को 10 हजार रुपये की रिश्वत देने का वीडियो वायरल किया है। हालांकि, इसमें सभी कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा है। इसके साथ ही जिलाधिकारी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। संजीव कुमार ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने अप्रैल में खरगपुर बाजे गांव में पांच बीघा जमीन खरीदी थी, इसका बैनामा अपनी पत्नी व एक अन्य महिला के नाम कराया। इस जमीन के सहखातेदार जमीन विक्रेता के खिलाफ उप जिलाधिकारी सदर के न्यायालय में वाद दायर किया है। उनका कहना है कि इस जमीन पर निर्माण कार्य व आराजी परिवर्तन करने से निषिद्ध किया गया है। इसके चलते इस प्रकरण में दूसरे पक्ष को स्टे प्रदान कर दिया गया। इसके बाद गांव के लेखपाल का फोन लगातार संजीव कुमार के पास आने लगा। संजीव कुमार ने बताया कि लेखपाल ने जमीन की पैमाइश कराने के लिए कई बार फोन किया। जबकि उप जिलाधकारी कार्यालय ने पैमाइश के लिए आदेश पारित नहीं किया। लेखपाल ने उसे अपने घर बुलाया और कहा कि उसे बीस हजार रुपये दे, नहीं तो जमीन उसके हाथ से निकल जाएगी। संजीव कुमार का कहना है कि जमीन जाने के डर से लेखपाल को 10 हजार रुपये दे दिए। रुपये लेने के बाद भी लेखपाल उसे बार-बार और रुपये देने के लिए दबाव बनाता रहा। बाकी 10 हजार रुपये नहीं देने पर मेरे खिलाफ रिपोर्ट लगाने की धमकी भी दे रहा है।

अभी शिकायती पत्र मुझे नहीं मिला है। हालांकि, जिस लेखपाल पर आरोप लगाया गया है, उसे कार्यक्षेत्र में तीन साल पूरे होने के कारण कार्यक्षेत्र बदल दिया गया है। शिकायती पत्र मिलने पर इस प्रकरण की जांच कराई जाएगी और दोषी मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।

प्रशांत तिवारी, उप जिलाधिकारी सदर

सदर तहसील में पहले हुए कई कारनामे : सदर तहसील में पिछले कुछ सालों में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं। पिछले साल अक्टूबर में एक लेखपाल को भोजपुर पुलिस ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही तहसील सदर से कई महत्वपूर्ण फाइलें गायब हो गई थीं। इसका आरोप संविदा पर कार्य कर रहे कंप्यूटर आपरेटर पर लगा था। जांच में दोषी पाए जाने पर उसे हटा दिया गया था। कलक्ट्रेट में भी भ्रष्टाचार के आरोप में दो साल पहले कई बाबू भेजे गए थे।


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