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प्रदूषण से सांसों पर संकट, पैरों में जाम की 'बेड़ियां'

शहर स्मार्ट सिटी बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है। हर तरफ विकास कार्य हो रहे हैं पर जाम से मुक्ति नहीं मिल रही।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 03:03 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 03:03 AM (IST)
प्रदूषण से सांसों पर संकट, पैरों में जाम की 'बेड़ियां'
प्रदूषण से सांसों पर संकट, पैरों में जाम की 'बेड़ियां'

मुरादाबाद,जासं: शहर स्मार्ट सिटी बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है। हर तरफ विकास कार्य हो रहे हैं, लेकिन जाम और प्रदूषण जैसी विकराल समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शहर में सुबह से लेकर शाम तक प्रमुख चौराहों पर जाम लगा रहता है। किसी काम के लिए घर से निकलो तो जाम में फंसकर रह जाते हैं। हालात यह हैं कि प्रदूषण के कारण सांसों पर संकट गहरा गया है तो जाम रूपी बेड़ियां अवाम के पैरों में पड़ी हुई हैं।

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शहर के चौराहों से लेकर बाजार में लगने वाला जाम प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने का भी काम कर रहा है। बदलते मौसम के चलते भी प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग से जारी निर्देशों का अनुपालन करने के लिए यातायात विभाग के अफसरों ने अभी तक कोई प्लान तैयार नही किया है। शहर के मुख्य चौराहों से जाम की समस्या खत्म नहीं हो रही है। अभी तक चौराहों को स्मार्ट बनाने के लिए करोड़ों रुपये का बजट खर्च किया जा चुका है। लेकिन इस बजट के खर्च के बाद भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के सहयोग से तीन साल पहले शहर के छह चौराहों में ट्रैफिक लाइट लगाने का काम किया गया था। लेकिन आज तक इन लाइटों का उपयोग यातायात संचालन के लिए नहीं किया गया है। पीएसी तिराहा,पीलीकोठी चौराहा,फव्वारा चौक,इम्पीरियल तिराहा,हनुमान मूर्ति के साथ ही रामपुर दोराहे में लाखों रुपये का बजट खर्च करके ट्रैफिक लाइटें लगाई गई थीं। लेकिन इनमें से किसी चौराहे पर ट्रैफिक लाइट से यातायात का संचालन नहीं होता है। वहीं पांच वर्ष पहले दस लाख रुपये खर्च करके दो चौराहों पर स्मार्ट ट्रैफिक बूथ लगाए गए थे। लेकिन मौजूदा समय में यह भी प्लास्टिक के डिब्बे बनकर खड़े हैं। स्टेशन रोड, गुरहट्टी, बजारगंज, मंडी चौक पर गुरुवार को जाम लगने के कारण लोग जाम में फंसे रहे। जरूरी कार्य से जो लोग निकले थे उन्हें घंटों लग जाम से निकलने में

वाहनों के धुएं से पीएम 2.5 की बढ़ती है मात्रा

प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों की मानें तो वाहनों से निकलने वाले धुएं से वायुमंडल में पीएम 2.5 (पर्टिकुलेट मैटर) की संख्या बढ़ जाती है। इस प्रदूषण के कण नाक और मुंह से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। जिनसे दमा,खांसी के साथ ही फेफड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अक्सर चौराहे पर जाम लगने से एक साथ वाहनों से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इसी को रोकने के लिए यातायात विभाग के अफसरों से जाम मुक्त शहर बनाने के लिए कहा गया है।

एसपी यातायात अशोक कुमार ने बताया कि शहर के चौराहों को जाम मुक्त बनाने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है। इस संबंध में जल्द ही उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्रवाई की जाएगी।


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