जानिए, वाजपेयी किसे कहते थे 24 कैरेट सोने का सिक्का
मुरादाबाद। अटल से मेरी मुलाकात 1960 में हुई थी। तभी से उन्होंने मुझे अपनी छोटी बहन मान लिया था।
मुरादाबाद। अटल से मेरी मुलाकात 1960 में हुई थी। तभी से उन्होंने मुझे अपनी छोटी बहन के रूप में मान लिया था। उनके साथ मेरा घनिष्ठ रिश्ता बन गया था। शुरुआत में मुझे शकुंतला ही बुलाते पर उस समय पार्टी में दो पदाधिकारियों का नाम भी शकुंतला ही था, ऐसे में अटल से जब भी मुलाकात होती तो कहते थे कि आ गया हमारा 24 कैरेट सोने का सिक्का। यह बातें भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पूर्व सदस्य शकुंतला सिक्का ने कहीं।
पूर्व प्रधानमंत्री के बारे में बात करते-करते उनकी आंखें नम हो उठीं और आसूं गिरने लगे। नजदीक बैठे उनके पति मुरारी लाल सिक्का भी रोने लगे। खुद को संभालते हुए बोलीं, उनके जैसा नेता होना मुश्किल है। कार्यकर्ताओं से वह जितने प्यार से बात करते थे, वैसा उदाहरण उस दौर और आज के दौर की राजनीति में कहीं नहीं मिलता। वह हमारे घर तीन बार आए। बेटे की शादी में आना था, लेकिन आवश्यक काम के चलते नहीं आ सके तो घर पर फोन करके माफी मांगी। इसके बाद जब 1981 में मुरादाबाद आए थे तो पहले ही सूचना दी कि सीधे तुम्हारे घर आऊंगा और खाना भी खाऊंगा। ज्यादा ताम-झाम मत करना सिर्फ अपने हाथ से दाल रोटी बनाना। प्रधानमंत्री बनने के बाद एक बार उनसे मिलने दिल्ली गई थी। जब उनसे मिलने पहुंची तो वहां खड़े अपने सचिव शिव कुमार से कहा कि इन्हें वह मिठाई खिलाओ जो शिकागो से हमारी बहन ने भेजी है। जब घर पर आए थे तो भीड़ जुटने के कारण बेडरूम में जाकर बैठ गए और बच्चों के साथ खेलने लगे। यह देश के लिए अपूर्णीय क्षति है।