पशु अस्पताल में कुत्ते की मौत से बवाल, डीएम-एसएसपी तक पहुंची बात Moradabad News
बीमारी से त्रस्त विदेशी नस्ल के कुत्ते की रहस्यमयी मौत का मामला इस कदर तूल पकड़ा कि उच्च प्रशासनिक अफसरों को हस्तक्षेप करना पड़ा।
मुरादाबाद, जेएनएन। बीमारी से त्रस्त विदेशी नस्ल के कुत्ते की रहस्यमयी मौत का मामला इस कदर तूल पकड़ा कि उच्च प्रशासनिक अफसरों को हस्तक्षेप करना पड़ा। दबाव पर पशु चिकित्सकों से मृत कुत्ते का पोस्टमार्टम कराया गया। पशु अस्पताल पर तैनात कर्मचारियों के खिलाफ लापरवाही व धनउगाही के आरोप लगाते हुए पीडि़त ने सिविल लाइन थाने में तहरीर दी है।
इंजेक्शन लागते ही कुत्ते ने तोड़ा दम
महानगर में नंद कालोनी पीतल नगरी निवासी शेखर भटनागर पुत्र प्रमोद भटनागर द्वारा सिविल लाइन थाने को तहरीर दी गई। बताया कि उनके पास डाबरमैन नस्ल का कुत्ता था। वह कान की बीमारी से परेशान था। ताड़ीखाना स्थित पशु चिकित्सक से मोबाइल पर बातचीत के बाद रविवार को वह बीमार कुत्ते के साथ अस्पताल पहुंचे। अस्पताल पर तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मी ने दवा करने के एवज में पांच सौ रुपये की मांग की। असमर्थता जताने पर सौदा तीन सौ रुपये में तय हुआ। कुत्ते को इंजेक्शन लगाया गया। चंद मिनट बाद ही अस्पताल परिसर में कुत्ते ने दम तोड़ दिया। यह देख शेखर के होश उड़ गए। उन्होंने घटना से परिचितों को अवगत कराया। अस्पताल कर्मी पर लापरवाही व धन उगाही का आरोप मढ़ा।
डीएम, एसएसपी के हस्तक्षेप के बाद हुआ पोस्टमार्टम
कुत्ते की मौत से हंगामा खड़ा होने पर सूचना पुलिस को दी गई। पीआरवी वाहन मौके पर पहुंचा। पुलिस पीडि़त को साथ लेकर सिविल लाइन थाने पहुंची। आरोप है कि सिविल लाइन थाना प्रभारी ने कानूनी कार्रवाई से इन्कार कर दिया। तब पीडि़त पक्ष ने पहले जिलाधिकारी फिर एसएसपी से संपर्क किया। प्रकरण की जानकारी देने के बाद आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। उच्चाधिकारियों के आदेश पर कुत्ते के शव का पोस्टमार्टम रामपुर रोड स्थित पशु अस्पताल में कराया गया। मामले में थाना प्रभारी नवल मारवाहा ने बताया कि कुत्ते का पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट के मुताबिक कुत्ते की मौत बुखार से हुई है। ऐसे में इस मामले में किसी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई।
कुत्ते का पोस्टमार्टम कराया गया है। सवाल यह है कि क्या जो दवा कुत्ते को दी गई, वह बीमारी के सापेक्ष उचित थी या नहीं। प्रकरण में एक्सपर्ट ओपीनियन महत्वपूर्ण है। फिलहाल पुलिस को मामले में मुकदमा दर्ज करते हुए विशेषज्ञ की राय लेनी होगी।
सीमाब कयूम, अधिवक्ता