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उप्र लोकसेवा आयोग परीक्षा : पांचवां स्थान पाकर लेखपाल की बेटी बनी डिप्टी कलेक्टर Moradabad News

जसीम खान ने पहले पीसीएस (जे) की परीक्षा पास की। अब पीसीएस में भी उन्होंने सफलता प्राप्त कर ली है। उनका चयन असिस्टेंट लेबर कमिश्नर के लिए हुआ है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 01:14 AM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 07:05 AM (IST)
उप्र लोकसेवा आयोग परीक्षा : पांचवां स्थान पाकर लेखपाल की बेटी बनी डिप्टी कलेक्टर Moradabad News
उप्र लोकसेवा आयोग परीक्षा : पांचवां स्थान पाकर लेखपाल की बेटी बनी डिप्टी कलेक्टर Moradabad News

मुरादाबाद, जेएनएन। पीसीएस परीक्षा 2017 के परिणाम आते ही मुरादाबाद का नाम प्रदेश स्तर पर छा गया। लेखपाल की बेटी निधि डोडवाल ने परीक्षा में प्रदेश में पांचवां स्थान हासिल कर शहर का नाम रोशन किया है, लड़कियों की सूची में वह दूसरे नंबर पर हैं। वहीं एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट पद के लिए शहर के ही गौरव विश्नोई ने दसवीं रैंक हासिल की है। इनके अलावा रामपुर के जसीम खां ने असिस्टेंट लेबर कमिश्नर के पद पर सफलता प्राप्त की है। 

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निधि डोडवाल मूल रूप से छजलैट ब्लाक के खलीलपुर अमरू की रहने वाली है। उनके पिता नृपेन्द्र सिंह कांठ तहसील में लेखपाल के पद पर कार्यरत हैं। तीन भाई-बहनों में निधि सबसे बड़ी हैं। मां सर्वेश सिंह गृहिणी हैं। छोटे भाई शुभम भगवा वाहिनी के प्रांत अध्यक्ष हैं, बहन सुरभि डीएलएड कर रही हैं। वर्तमान में परिवार नवीन नगर में मानसरोवर स्कूल के पास रह रहा है। वहीं गौरव विश्नोई मूल रूप से बिजनौर के आनंदीपुर के रहने वाले हैं। वर्तमान में परिवार मुरादाबाद के आशियाना फेज-2 में रह रहा है। गौरव के पिता डॉ. वीके विश्नोई छजलैट के पैगंबरपुर जीआइसी कॉलेज में प्रधानाचार्य पद से मार्च में सेवानिवृत्त हुए हैं। मां स्नेहलता विश्नोई गृहिणी हैं। गौरव की पत्नी डॉ. प्रियंका विश्नोई कोठीवाल डेंटल कॉलेज में ऑरेल पैथालॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष हैं। 

पहले जज और अब पीसीएस अफसर के लिए चयन

 

रामपुर : धमोरा  निवासी जसीम खान के सितारे बुलंदी पर हैं। उन्होंने पहले पीसीएस-जे की परीक्षा पास की। अब पीसीएस में भी उन्होंने सफलता प्राप्त कर ली है।  उनका चयन असिस्टेंट लेबर कमिश्नर के लिए हुआ है।  

जसीम ने बताया कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रामपुर के सेंट पॉल स्कूल से प्राप्त की थी। यहां से हाईस्कूल करने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए। दिल्ली विश्वविद्यालय से वकालत की। डिग्री लेने के बाद उन्होंने पीसीएस-जे की परीक्षा की तैयार शुरू कर दी। पीसीएस जे में प्रथम प्रयास में ही सफलता प्राप्त की। उधर, दूसरी सफलता मिलने पर उनके घर पर खुशी का माहौल है। वह एक सप्ताह बाद जज की ट्रेनिंग के लिए जाएंगे।


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