रामपुर की रजा लाइब्रेरी में देखें ईरानी फिल्में
मुरादाबाद : रामपुर जिले की रजा लाइब्रेरी की अपनी अलग पहचान है। देश-विदेश में इसके कद्रदानों
मुरादाबाद : रामपुर जिले की रजा लाइब्रेरी की अपनी अलग पहचान है। देश-विदेश में इसके कद्रदानों की कोई कमी नहीं है। इन दिनों इस लाइब्रेरी में लोग ईरानी फिल्में देखने के लिए आ रहे हैं। स्कूली बच्चे भी इसमें खासा दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
रजा लाइब्रेरी ने विदेशी संस्कृति से रूबरू कराने के लिए नई पहल की है। यहां ईरानी फिल्मोत्सव मनाया जा रहा है। फिल्मों के जरिये वहां की संस्कृति से अवगत कराया जा रहा है। बड़ी संख्या में रामपुर के लोग इन फिल्मों को देख रहे हैं। रजा लाइब्रेरी के रंगमहल में लाइब्रेरी और ईरान कल्चर हाऊस, नई दिल्ली के तत्वावधान में ईरानियन फिल्म फेस्टिवल शुरू हुआ है। रंगमहल में रोजाना दो शो चल रहे हैं। पहला शो 11 से एक बजे तक छात्र-छात्राओं के लिए और दूसरा शो तीन बजे से सायं पांच बजे तक आम नागरिकों के लिए चल रहा है। फिल्म देखने का कोई टिकट नहीं है। आठ गुणा 10 फुट की स्क्रीन पर प्रोजेक्टर के जरिये फिल्में दिखाई जा रही हैं। यहां रंगमहल में 185 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। रामपुर के अलावा दूसरे शहरों से भी लोग फिल्म देखने आ रहे हैं। शनिवार को दिल्ली से आए मुईन खां ने बताया कि ईरानी फिल्म मजारे शरीफ उन्हें बहुत अच्छी लगी। यह फिल्में रीयल लाइफ पर बनी है, जबकि भारतीय फिल्मों में रोमांस के साथ ही कहानी काल्पनिक होती है। ईरानी फिल्म में तालिबानियों के जुल्म को दशार्या गया है।
पहली बार फिल्मोत्सव
रजा लाइब्रेरी के निदेशक सैयद हसन अब्बास ने कहा कि इनके जरिये ईरानी कला और संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। ईरान की कला एवं संस्कृति से स्कूली बच्चे भी रूबरू हो रहे हैं। ईरान की फिल्मों में एक खास बात यह है कि ये फिल्में जीने का तरीका बताने के साथ ही समस्याओं का समाधान भी देती हैं। ईरान में भारतीय फिल्मों को फारसी भाषा में डब करके दिखाया जाता है। रामपुर में ऐसा फिल्म फेस्टिवल पहली बार हो रहा है।