सड़क किनारे रखी मछली खाई तो लेनी पड़ेगी दवाई
मुरादाबाद : खानपान बिक्री के सामान की साफ-सफाई आवश्यक है, लेकिन शहर के मछली मार्केट म
मुरादाबाद : खानपान बिक्री के सामान की साफ-सफाई आवश्यक है, लेकिन शहर के मछली मार्केट में सावधानी नहीं बरती जाती है। दरअसल इस बात की जानकारी उस वक्त हुई जब खाद्य विभाग की टीम रामपुर दोराहा स्थित मछली मार्केट की व्यवस्थाएं चेक करने के लिए पहुंची थी। मछली के रखरखाव से लेकर सफाई व्यवस्था का भी कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा था। खाद्य विभाग ने मछली बाजार में किया था निरीक्षण तो मिली खामी
-यहां तकरीबन 10 से ज्यादा मछली के थोक व्यापारियों की दुकानें हैं। सभी बर्फ का इस्तेमाल करते हैं। डीप फ्रिज की भी व्यवस्था नहीं है। वही मछली रिटेल के तौर पर सड़कों पर रखकर बेच दी जाती है। किसी नियम का पालन नहीं किया जाता है। टीम ने सभी को नियमों का पालन करने का निर्देश देते हुए लाइसेंस बनवाने की हिदायत दी है, जिससे वे सावधानी बरतें। अगली चेकिंग में उन सभी व्यापारियों को नोटिस दिए जाएंगे।
ये है नियम
- माइनस टेंप्रेचर में मछली रखी जाए
- दुकान में सफाई की पूर्ण व्यवस्था हो
- फर्श की पूरी तरह सफाई हो
- दुकान के बाहर पर्दा लगा होना चाहिए
- मछली का मांस काटा जाए वे भी साफ हो
- बिक्री का लाइसेंस होना जरूरी है
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यहां बेची जाती है मछली
- रामपुर दोराहा
- दस सराय पुल के नीचे
- बगला गांव
- कपूर कंपनी
- कोहना मुगलपुरा मछली विक्रेताओं का रखरखाव ठीक नहीं
शहर के साथ आढ़त पर भी मछली के रखरखाव पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता। बर्फ से मछली निकालकर लकड़ी की डलिया में रखकर मछली की बिक्री शुरू कर दी जाती है। इसकी जानकारी खाद्य विभाग के निरीक्षण के दौरान हुई। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी महेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मछली बेचने वालों को हमने सतर्क कर दिया है। रखरखाव पर ध्यान देने के बारे में बताया गया है।
ये बोले अभिहित अधिकारी
मछली बेचने वाले दुकानदारों की व्यवस्था ठीक नहीं है। रामपुर दोराहे पर मछली मार्केट देखने के काफी खराब लगा। सभी को चेतावनी दी गई। सुधार के लिए गया है। उनसे लाइसेंस बनवाने के लिए कहा गया है। कुछ समय बाद उनके चालान भी काटे जाएंगे।
विनोद कुमार सिंह, अभिहित अधिकारी ये बोले चिकित्सक
खुले में रखा कोई भी सामान खाने से गैस और प्वाइजनिंग होना कोई बड़ी बात नहीं है। खानपान के सामान के प्रति गंभीर होना जरूरी है। सड़क किनारे मुर्गा-मछली बेचने वाले इस बात का कोई ध्यान नहीं रखते हैं। ग्राहक भी प्वाइजनिंग का शिकार हो जाता है। इसलिए ये सामान देखभाल कर ही खरीदें।
डॉ. मुहम्मद असद खान, फिजिशियन