रहें सतर्क, कहीं लीवर को बीमार न कर दें रासायनिक खाद्यान्न
मुरादाबाद : रसायनिक खाद्य से पैदा होने वाले खाद्यान्न लीवर को बीमार कर रहे हैं। इससे लीवर में सूजन व
मुरादाबाद : रसायनिक खाद्य से पैदा होने वाले खाद्यान्न लीवर को बीमार कर रहे हैं। इससे लीवर में सूजन व कैंसर जैसी अन्य बीमारियां हो रहीं हैं। फास्ट फूड ने पाचन शक्ति को कमजोर कर दिया है।
आज है खास दिन
सस्टेनेबल गैस्ट्रोनॉमी डे सोमवार को है। यह दिवस पेट व लीवर की बीमारी से संबंधित है। इस दिन लीवर की बीमारियों से बचाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। सरकारी तंत्र व अन्य किसी संगठन द्वारा जागरूक करने के लिए कोई शिविर आदि नहीं लगाए जाते हैं। 25 साल पहले तक पेट व लीवर से संबंधित बीमारियां कम होती थीं। बुजुर्ग को छोड़कर अन्य की पाचन शक्ति काफी मजबूत होती था। उस समय तक खाद्यान्न, फल, सब्जी के उत्पादन में जैविक खाद्य या कम रासायनिक खाद्य का प्रयोग किया जाता था। इससे पेट से संबंधित बीमारियों का कम होती है। अब तो खाद्य व इंजेक्शन के द्वारा बेमौसम खाद्यान्न, फल, सब्जी का उत्पादन किया जा रहा है। जैविक खाद्य से स्थान पर अधिक से अधिक रासायनिक खाद्य का प्रयोग किया जा रहा है। कच्चे फलों को पकाने, फल में मिठास लाने के लिए रसायनिक गैस का प्रयोग किया जा रहा है। इसके अलावा फास्ट फूड का प्रचलन भी बढ़ गया है।
लोगों को रहना होगा सचेत
रसायनिक खाद्य से पैदा हुए खाद्यान्न या पकाए गए फल ने लीवर को बीमार करने व क्षतिग्रस्त करना शुरू कर दिया है। लोगों की पाचन शक्ति भी कमजोर हुई है। लीवर में सूजन होना, लीवर में घाव होना, लीवर से खून आना, लीवर में कैंसर होने जैसी बीमारियां होने लगी हैं। पहले लीवर की बीमारी कम थी तो दवा भी कम थी। लीवर की बीमारियों की संख्या बढ़ी है। इसी के साथ दवाइयों के साथ में भी इजाफा हुआ है। इसी के साथ दवाइयों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।
जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि रासायनिक खाद्य से पैदा होने वाले अनाज, फल, सब्जी, खाने से लीवर कमजोर हो रहा है और बीमारियां बढ़ रहीं हैं। लीवर से संबंधित इलाज कराने आने वालें रोगियों को मौसमी फल, सब्जी खाने, फास्ट फूड नहीं खाने की सलाह दी जाती है। सब्जी बाजार से खरीदने के बजाय किचन गार्डन या गमले में उपजा कर खाने की सलाह दी जाती है।