सुविधा मिलेगी लेकिन गरीबों पर पड़ेगा अतिरिक्त भार
मुरादाबाद : सूबे में मुरादाबाद समेत पांच नगरों में विद्युत वितरण की फ्रेंचाइजी की व्यवस्था शुरू ह
मुरादाबाद : सूबे में मुरादाबाद समेत पांच नगरों में विद्युत वितरण की फ्रेंचाइजी की व्यवस्था शुरू होनी है। इसके विरोध में कर्मचारियों ने भी आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। बिजली विभाग के इंजीनियरों के अनुसार इस पहल से गरीब वर्ग के लोगों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा।
अधिकारी खुद सरकार के इस प्रयोग को बेहतर मान तो रहे हैं लेकिन खुद पर संकट की आशंका है। उनका मानना है कि विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार होगा और उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा भी मिलेगी। कितनी बिजली महंगी मिलेगी, इसका अभी आंकलन नहीं है लेकिन अभियंता संघ के जोनल सेक्रेटरी अधिशासी अभियंता आरपी सिंह ने कहा कि सरकार के इस फैसले से केवल निजी कंपनी को फायदा होगा। आम आदमी के लिए बिजली मंहगी हो जाएगी। पैसे वाले ही बिजली ले पाएंगे। बड़ी कंपनियां जब किसी क्षेत्र में निवेश करती हैं तो उनका एक मात्र उद्देश्य लाभ कमाना होता है। इससे औद्योगिक क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा। आगरा में बिजली के निजीकरण के दुष्परिणाम जानने के बाद सरकार का ऐसा फैसला समझ से परे है।
सरकारी योजनाएं होंगी फेल
बिजली इंजीनियरों की मानें तो निजीकरण से सरकार की ओर से गरीबों के हित के लिए चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाएं फेल होंगी। निजी कंपनियों का लक्ष्य बेहतर आपूर्ति पर होता है न कि विस्तार पर। कंपनी अपने समीकरण खुद तय करेंगी। बिजली के दाम बढ़ेंगे, निजी कंपनियों की नजर में कोई अमीर गरीब नहीं होगा। ऐसे में सरकारी योजनाएं धरातल पर उतरने की बजाय पहले ही दम तोड़ देंगी।
बेरोजगारी बढ़ने की जताई आशंका
अधिशासी अभियंता आरपी सिंह ने कहा निजी कंपनियां अपने खुद के आदमी भर्ती करती हैं। विभागीय कर्मचारियों को इधर-उधर किया जाएगा। साथ ही इस फैसले के बाद संविदा कर्मी बाहर हो जाएंगे, बेरोजगारी बढ़ेगी।