सात डिग्री तापमान गेहूं के लिए वरदान
मुरादाबाद : सर्दी का मौसम गेहूं की फसल के लिए अब वरदान बनने की कगार पर है। यदि तापमान वर्तमान के हिसाब से बना रहा तो गेहूं का धुंआधार उत्पादन किसानों को प्राप्त होगा।
मुरादाबाद : सर्दी का मौसम गेहूं की फसल के लिए अब वरदान बनने की कगार पर है। यदि तापमान वर्तमान के हिसाब से बना रहा तो गेहूं का धुंआधार उत्पादन किसानों को प्राप्त होगा। कड़ाके की ठंड के साथ अब किसानों के चेहरे खिलने लगे हैं। रात के मौसम का भी यदि यह ही हाल रहा तो जिले में गेहूं की उत्पादकता खासी बढ़ जाएगी। हालांकि मार्च के समय में तापमान बढ़ने की स्थिति में कुछ समस्या आ सकती है, लेकिन यदि विशेषज्ञों की राय पर चलें तो उस समय में भी किसान थोड़ी सी सावधानी बरत कर अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं। क्या हैं वे सावधानियां जानेंगे आज की इस रिपोर्ट में :
चीनी मिलों की मनमानी के चलते गन्ना देर तक खेतों में खड़ा रहने के कारण बहुत से किसानों ने काफी देर से गेहूं की बुआई की है। जिले में दिसम्बर आखिर तक किसान गेहूं की बुआई करते रहे थे। अब जब तापमान अनुकूल चल रहा है तो उनकी ¨चता खत्म होने लगी है। जैसा कि सब जानते हैं कि गेहूं के उत्पादन के लिए तापमान का गिरना बहुत आवश्यक होता है। मुश्किल तब खड़ी होती है, जब तापमान अधिक हो जाता है। फसल वैज्ञानिक डॉ. अमरजीत ¨सह राठी बताते हैं कि गेहूं जाड़े की फसल है और इसके लिए इस समय तापमान सही है। इस समय तापमान लगातार पांच से आठ डिग्री के बीच बना हुआ है, जोकि गेहूं की फसल के लिए बहुत उपयुक्त है। कम तापमान हमेशा गेहूं की फसल के लिए उत्तम रहता है। आठ डिग्री से कम तापमान होने से गेहूं के पैदवार में बढ़ोतरी होती है। किसानों के लिए ठंड का बढ़ना अच्छी बात है। सब इस तरह ही अनुकूल चलता रहा तो गेहूं की पैदवार अच्छी रहेगी और किसानों को अच्छी आय प्राप्त होगी। हां, फरवरी और मार्च में, जब तेज हवाएं बहने लगती हैं और तापमान बढ़ जाता है तो यह फसल के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। ऐसे में विशेषज्ञ की राय के अनुसार कदम उठाए जाएं तो इस नुकसान से बचा जा सकता है। वैज्ञानिक की राय
बुआई के समय न्यूनतम आठ और अधिकतम तापमान 22 डिग्री रहे तो इसे आदर्श स्थिति मानते हैं। यह ठंड गेहूं की उत्पादकता में गुणोत्तर वृद्धि करेगी। फरवरी और मार्च में यदि बारिश हो जाए तो लाभकारी है, लेकिन तापमान में बढ़ोत्तरी उत्पादन में कमी का कारण बन सकती है। तापमान बढ़ने पर किसान घबराएं नहीं। ऐसी स्थिति में ¨सचाई करें, जिससे फसल को बहुत लाभ होगा। होता क्या है कि मार्च में तेज हवाओं के चलते पानी लगा पाना असंभव होता है, क्योंकि हवाओं के बीच ¨सचाई करने से फसल गिर जाती है। ऐसे में फरवरी के अंत में पानी लगाना फायदेमंद रहेगा। दूसरी बात याद रखें कि हवा दिन में चलती है अत: रात के समय में ¨सचाई करें।
-डॉ. अमरजीत ¨सह राठी