आप भी कराएं जाच, हो सकता है ओरल कैंसर
दांतों या मसूड़ों में कोई समस्या है तो जल्द चिकित्सक को दिखाएं, आपकी लापरवाही ओरल कैंसर को जन्म दे सकती है। ओरल कैंसर के खात्मे के लिए ऑल इंडिया डेंटल एसोसिएशन ने स्वच्छ मुख अभियान शुरू किया है। इसके तहत चिकित्सक शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में जाकर लोगों को जागरूक करेंगे।
मुरादाबाद : दांतों या मसूड़ों में कोई समस्या है तो जल्द चिकित्सक को दिखाएं, आपकी लापरवाही ओरल कैंसर को जन्म दे सकती है। ओरल कैंसर के खात्मे के लिए ऑल इंडिया डेंटल एसोसिएशन ने स्वच्छ मुख अभियान शुरू किया है। इसके तहत चिकित्सक शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में जाकर लोगों को जागरूक करेंगे।
सीएमई में ये बात आई सामने
दरअसल एक सीएमई में स्वास्थ्य पर खुलकर चर्चा की गई। इसमें विशेष अतिथि भारतीय दंत चिकित्सक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दीपक माखीजानी, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मुरारी शर्मा मौजूद रहे। अध्यक्ष ने बताया कि मुरादाबाद शाखा की शुरुआत 1993 में 15 सदस्यों के साथ हुई थी। आज सौ से ज्यादा सदस्य हैं। देश में संगठन के 75 हजार सदस्य हैं और 29 स्टेट ब्राच और 500 से ज्यादा लोकल ब्राच के पदाधिकारी कार्य कर रहे हैं। बनारस से आए प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मुरारी शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में तीन हजार सदस्य हैं। हमारा प्रयास है कि
दांतों के प्रति जागरूक करना मकसद
दातों की बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए। गाव में आज भी कोयला और रेत से दात साफ किए जाते हैं। जागरूकता के लिए सरकार से दो मोबाइल यूनिट आइडीए के लिए मागी जा रही है, इसका संचालन पूरी तरह आइडीए करेगा। इन मोबाइल यूनिट के माध्यम से हम उन गावों में जाएंगे जहा लोगों को दात की बीमारियों की जानकारी नहीं है। समाज के उन लोगों तक दंत चिकित्सा सेवा का लाभ पहुंचाया जाएगा जो दंत रोग के बारे में नहीं जानते हैं।
किया गया सम्मानित
डॉ. एचएस सक्सेना को जीवन पर्यंत योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इंडियन डेंटल एसोसिएशन मुरादाबाद शाखा की डायरेक्ट्री का भी विमोचन किया गया। अध्यक्षता डॉ. पीएन टंडन, संचालन डॉ. स्वाति सिंघल और डॉ. प्राची रोहिला ने किया। सचिव डॉ. रोमिल सिंघल ने विशेष सहयोग दिया। अतिथि कलाकार के रूप में इश्किया फेम मिस्टर विवेक उपाध्याय ने कार्यक्रम को मनोरंजक बनाया।
तंबाकू छोड़ने की दी जा रही है ट्रेनिंग : डॉ. दीपक माखीजानी
डॉ. दीपक माखीजानी ने बताया कि देश में ओरल कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसे खत्म करने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चला रहे हैं। तंबाकू छोड़ने की ट्रेनिंग देने के साथ ही दातों की बीमारियों की जानकारी दी जा रही है। देश से 2022 तक ओरल कैंसर खत्म करने की योजना है।
हर छह माह में कराएं दातों का परीक्षण
लापरवाही की वजह से अक्सर हम लोग स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराते। बीमारी की जानकारी उस समय होती है जब कोई दिक्कत होती है। इसलिए दातों का परीक्षण हर छह माह में जरूर कराएं। आपके ऐसा करने से बीमारी शुरुआत में ही पकड़ में आ जाएगी। अधिकतर पायरिया का इलाज लोग उस समय कराने के लिए पहुंचते हैं जब हड्डी तक इंफेक्शन पहुंच जाता है। उस समय सर्जरी की नौबत आ जाती है।