अध्यक्ष की सहमति के बिना 16.50 करोड़ के टेंडर खोलने पर हंगामा
मुरादाबाद: जिला पंचायत संचालन बोर्ड की बैठक में अध्यक्ष की अनुमति के बिना 16.50 करोड़ रुपये
मुरादाबाद:
जिला पंचायत संचालन बोर्ड की बैठक में अध्यक्ष की अनुमति के बिना 16.50 करोड़ रुपये के टेंडर खोलने को लेकर जमकर हंगामा व शोर-शराबा हुआ। सांसद सर्वेश कुमार ने सवाल उठाए तो सदस्यों ने भी छह, सिंतबर 2017 को हुई बैठक की कार्रवाई में बिंदु संख्या दो में फर्जी नाम दर्ज करने को लेकर हंगामा कर पूर्व एएमए के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सत्ता का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए सपा के तीन विधायकों ने बहिष्कार किया, जबकि एक को सपा के गुंडों जैसे शब्द का तंज झेलना पड़ा। अनेक सदस्यों ने सदन की मर्यादा को भी तारतार कर असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया। नोकझोंक भी हुई। पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा बसपा सदस्य को बोलने से रोकने के प्रयास को भी सदन की गरिमा के खिलाफ बताया। जिला गन्ना अधिकारी द्वारा सदन में मौजूद न रहने पर सीडीओ ने कार्रवाई के निर्देश दिए। हंगामा बढ़ने पर उन्हें सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील कई बार करनी पड़ी।
सदन की बैठक सुबह 11.40 बजे शुरू हुई। एएमए ने छह सिंतबर को, 2017 की बैठक की कार्रवाई की पुष्टि करने की बात की तो सदस्य हाजी मुहम्मद उस्मान ने पुष्टि से इंकार कर दिया। आरोप था कि बिंदु संख्या दो में उन सदस्यों के प्रस्ताव भी जोड़ दिये गए हैं जो उपस्थित नहीं थे। इस पर सदस्य ओमकार सिंह ने आपत्ति की और टेंडर प्रक्रिया निरस्त न किए जाने पर जोर दिया। बसपा के कई सदस्यों ने बराबर का हक देने का मुद्दा उठाया। शोर-शराबा होने पर सदन की कार्रवाई भी बाधित हुई। एएमए की भूमिका को संदिग्ध माना
-कुछ सदस्यों ने एएमए की भूमिका को संदिग्ध माना और अध्यक्ष की सहमति के बिना टेंडर खोलने के आरोप लगाए। दिनेश टैगोर ने भी कार्यो की सूची गायब करने का आरोप एएमए पर लगाया। अध्यक्षा शलिता सिंह ने अनुमति लिए बिना टेंडर खोलने की बात स्वीकार की। सीडीओ के हस्तक्षेप के बाद ही आगे की कार्रवाई शुरू हुई।
बैठक में सदस्य बब्बू लंबरदार ने सदस्यों को एक समान कार्य वितरित करने की मांग उठाई। उन्होंने बेलबाड़ा चीनी मिल पर गन्ना मूल्य का भुगतान व दलपतपुर में एनएचएआई द्वारा रास्ता न खोलने का मुद्दा उठाया। मुकेश यादव, खालिद जमा, बंटी यादव, हेमंत कुमार, रामौतार ने भी जिला पंचायत सदस्यों की अनदेखी का मुद्दा उठाया। जिला पंचायत अध्यक्ष की अनदेखी पर एएमए को भी गलती स्वीकार करनी पड़ी।
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इन्सेट-
हंगामा बढ़ने पर सांसद को करना पड़ा हस्तक्षेप
-हंगामा बढ़ते देख सांसद कुंवर सर्वेश सिंह को हस्तक्षेप करना पड़ा। सहमति से तय हुआ जो टेंडर खोले जा चुके हैं उन्हें वैसे ही रहने दिया जाए। इसके अलावा काम से वंचित सदस्यों के प्रस्ताव मंगाकर उनको भी कार्य आवंटित कर दिया जाए। इस निर्णय का सभी सदस्यों ने मेज थपथपा कर स्वागत किया।