विजेंद्र और रेखा की छह साल की प्रेम कहानी का खौफनाक अंत
मुरादाबाद :विजेंद्र और रेखा की मौत के बाद छह साल की प्रेम कहानी का भी अंत हो गया। बीएड
मुरादाबाद :विजेंद्र और रेखा की मौत के बाद छह साल की प्रेम कहानी का भी अंत हो गया। बीएड की पढ़ाई करते समय रेखा और विजेंद्र में प्यार हो गया था। शादी के बाद रेखा ने बेटी को जन्म दिया। कभी एक दूसरे से दूर नहीं रहने वाले दंपती ने ऐसा आत्मघाती कदम कैसे उठाया है, परिवार के लोगों को यह खुदकशी हजम नहीं हो रही है।
जनवरी 2013 में इस प्रेम कहानी की नींव रखी गई थी। रेखा उस समय चन्दौसी में परिवार के साथ रहती थी। रेखा के पिता विजय पुलिस कांस्टेबल हैं। चन्दौसी में विजेंद्र के भाई भूकन सिंह अमीन के पद पर तैनात हैं। ग्राम प्रधान पद हासिल करने के बाद विजेंद्र भी भाई के साथ चन्दौसी में रहने लगा था। तभी उसकी मुलाकात बीएड की पढ़ाई कर रही रेखा से हुई। दोनों का रोजाना मिलना शुरू हो गया। दोनों की प्रेम कहानी के बारे में परिजनों को जानकारी होने के बाद रेखा के पिता ने शादी करने से इन्कार कर दिया था। दरअसल, विजेंद्र पहले से शादीशुदा था। हालांकि उसकी पत्नी मिथलेश की मौत हो चुकी थी। रेखा नहीं मानी तो परिवार के लोगों को झुकना पड़ा। दोनों के परिवार की रजामंदी से फरवरी 2014 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए। विजेंद्र के परिवार को भी रेखा पसंद नहीं थी। इसी कारण सास प्रेमवती और रेखा में विवाद होने लगा। 2015 में रेखा ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की थी। तब उसे कॉसमॉस अस्पताल में भर्ती कराकर उसे बचाया गया। रेखा के अस्पताल से आने के बाद विजेंद्र ने मां को समझाकर मामले को शांत किया। उसके बाद दोनों सही से रहने लगे। रेखा की मोसी की बेटी अंकिता ने बताया कि दो दिन पहले मम्मी की तबीयत खराब हो गई थी। तब रेखा उनके घर खुशहालपुर आ गई थी। लेकिन विजेंद्र ने उसे एक दिन से ज्यादा अपने से दूर नहीं रखा। यानि दोनों में अब भी काफी प्यार था। यही कारण है कि दोनों एक दूसरे के साथ ही इस दुनिया को अलविदा कह गए।
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टाइम लाइन
-09.00 बजे तक गुरुवार की रात परिवार में हुई पंचायत
04.00 बजे शुक्रवार को दंपती कार में सवार होकर स्टेशन पहुंचा
05.10 बजे सद्भावना एक्सप्रेस के आगे कूद कर दी जान
06.00 बजे आसपास के लोगों की भीड़ पहुंच गई।
07.00 बजे परिजन मौके पर पहुंचे।
08.00 बजे शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
0500 बजे शाम पोस्टमार्टम पर भिड़े दोनों पक्ष।
07.00 बजे शाम को मुरादाबाद में हुआ अंतिम संस्कार।
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