प्यास बुझाने को तालाबों की ओर नहीं जाते प¨रदे व जंगली जानवर
मुरादाबाद : करोड़ों रुपये खर्च हो गए लेकिन तालाबों की हालत ज्यों की त्यों ही है। कई ऊ
मुरादाबाद : करोड़ों रुपये खर्च हो गए लेकिन तालाबों की हालत ज्यों की त्यों ही है। कई ऊसर जमीन की तरह नजर आ रहे हैं तो अनेक में दरारें पड़ गईं हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत एक हेक्टेयर से बड़े तालाबों के किनारे अब न परिंदे रैन बसेरा करते हैं न ही जंगली पशुओं का झुंड अब प्यास बुझाने के लिए उधर से गुजरता है।
बात अजीब है लेकिन है सच। 2016-17 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत मंडलभर के डार्क विकास खंडों में तालाबों का जीर्णोद्धार कराया गया। इस कार्य पर कमोबेश पांच करोड़ रुपये खर्च हुए। कुछ दिनों तक तो इन तालाबों को प्रदर्शित कर खूब वाहवाही बटोरी गई लेकिन सालभर का अर्सा गुजरने पर इन तालाबों की हालत भी अन्य तालाबों ही जैसी हो गई। यानी न इनमें पानी रहा न ही सौंदर्य का स्वरूप। अनेक तालाबों में पशुओं को चंद घूंट पानी के भी लाले पड़ गए। बाहरी पक्षियों का रैन बसेरा तो दरकिनार आसपास के पक्षियों की आमद भी बंद हो गई। ग्रामीण बताते हैं कि एक तालाब पर लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद अब इनके अस्तित्व खतरे में हैं। कइयों की भूमि को समतल कर अवैध कब्जा करने के प्रयास भी शुरू हो गए हैं।
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मंडल में डार्क ब्लाकों की स्थिति-
जनपद डार्क ब्लाक एक हे. से बड़े
तालाब अमरोहा 03 101
बिजनौर 04 58
सम्भल 07 92
मुरादाबाद 03 19
रामपुर 04 77
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2016-17 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में तालाबों का जीर्णोद्धार-
अमरोहा 07
बिजनौर 02
सम्भल 01
मुरादाबाद 02
रामपुर 04
स्वीकृत राशि- अमरोहा 149.50 लाख, बिजनौर- 35.76 लाख, सम्भल- 32.27 लाख, मुराबादाबाद- 25.00 लाख, रामपुर-126.49 लाख रुपये।
अवमुक्त राशि- अमरोहा- 65.95, बिजनौर- 21.33, सम्भल-32.27, मुरादाबाद-14.91 व रामपुर-55.89 लाख रुपये।
खर्च- अमरोहा- 65.95, बिजनौर- 21.33, सम्भल- 20.00, मुरादाबाद- 14.91 व रामपुर- 55.89 लाख रुपये।
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ग्रामीणों की जुबानी
ग्रामीण नौ सिंह, चंदेल कुमार, विकास व शौकत अली के मुताबिक प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जिन तालाबों का जीर्णोद्धार हुआ वह कुछ समय तक तो ठीकठाक रहे। बाद में रख-रखाव न होने से ये तालाब भी सामान्य तालाबों की तरह हो गए। अब इनसे सिंचाई का लाभ नहीं है।
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वर्जन
मनरेगा के तहत 232 तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य जारी है। इनके रखरखाव के भी निर्देश दिए गए हैं। बड़े तालाबों की भी निगरानी की जाएगी।
केके सिंह, जिला विकास अधिकारी