सरकार को मुंह चिढ़ा रहा गरीबों का 'हवा महल'
मुरादाबाद : गरीब परिवारों के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार बहुत कुछ कर रही है। आवास से लेक
मुरादाबाद : गरीब परिवारों के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार बहुत कुछ कर रही है। आवास से लेकर राशन तक उपलब्ध कराने की योजनाएं चल रही हैं, लेकिन क्या इनका लाभ वास्तविक गरीब को मिल रहा है? इस सवाल का जवाब सरकार के नुमाइंदों के पास नहीं है। हर शहर में गरीबों के 'हवा महल' आपको देखने को मिल जाएंगे। हवा महल से यहां आशय राजस्थान के ऐतिहासिक भवन से नहीं बल्कि गरीब परिवार के पन्नी के बने आशियानों से है। इन पर जनप्रतिनिधियों की नजर भी पड़ती है लेकिन वे कुछ करते नहीं। ऐसे ही हवा महल में मुरादाबाद के भगतपुर गांव में मुराद अली अपनी पत्नी मुसरत जहां के साथ रहते हैं।
यूं तो भगतपुर थाना है लेकिन इस ग्राम पंचायत में रह रहे मुराद अली और उसकी पत्नी मुसरत जहां की जिंदगी बदरंग है। दोनों दिव्यांग हैं। इस कारण कहीं काम नहीं मिलता। परिवार में बंटवारे के बाद मुराद के हिस्से में कुछ जमीन आई तो उसमें आशियाना बना लिया जबकि खेती की एक बीघा जमीन है। आशियाना हवा महल है क्योंकि इसकी दीवारें ईट या मिट्टी की नहीं हैं बल्कि पन्नी और लकड़ी की हैं। हवा चले तो सन्न सन्न करती हुई आरपार हो जाती है। दोनों किसी तरह जिंदगी गुजार रहे हैं क्योंकि नेताओं और समाजसेवा का दम भरने वालों का ध्यान भी उनकी तरफ नहीं है। नौकरशाहों ने भी उनसे आंखे फेर ली हैं। पति-पत्नी दोनों दिव्यांग हैं लेकिन पेंशन सिर्फ मुराद को ही मिलती है। कितनी ही आवास योजनाएं चलीं, लेकिन आज तक सिर छिपाने के लिए आवास नहीं मिला। पिछली सरकार में समाजवादी पेंशन बंधी लेकिन छह माह बाद ही दूसरी सरकार आई और बंद हो गई। राशन कार्ड था लेकिन नई व्यवस्था में दूसरा नहीं बना। डीलर इसी पर कभी राशन दे देता है और कभी मना कर देता है।
मुराद बताते हैं कि खेती की जमीन पर लोन लिया मगर अदा नहीं हो पाया। अभी 12 हजार रुपये बैंक का कर्ज है। गांव में ऐसा कोई काम नहीं होता जहां मजदूरी की जा सके और अधिक दूर जा नहीं सकता क्योंकि दोनों पैर बेकार हैं। ऐसे में अलग रह रहे भाई ही कुछ मदद करते हैं। सबसे बड़ी दिक्कत पीने के पानी की है। एक मात्र हैंडपंप करीब 300 मीटर दूर है।
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दंपती के यहां सरकार की तरफ से शौचालय बनवा दिया गया है और प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में भी नाम भेज दिया गया है। धन आवंटित होने के बाद आवास बनवा दिया जाएगा।
- भूरी जहां, ग्राम प्रधान भगतपुर
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मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, अगर ऐसा कुछ है तो मैं कल मौके पर जाकर देखूंगा और सरकार की योजना के साथ साथ जो भी मदद होगी उसको दिलाने का प्रयास करूंगा।
- इकबाल इंजीनियर, ब्लॉक प्रमुख।