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महानगर बनने के 23 साल बाद भी नहीं सुधरी यातायात व्यवस्था

मुरादाबाद : जिले को वर्ष 1995 में महानगर का दर्जा मिला था, लेकिन महानगर बनने के 23 साल बाद भ

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Jul 2018 02:13 AM (IST)Updated: Sat, 07 Jul 2018 02:13 AM (IST)
महानगर बनने के 23 साल बाद भी नहीं सुधरी यातायात व्यवस्था
महानगर बनने के 23 साल बाद भी नहीं सुधरी यातायात व्यवस्था

मुरादाबाद : जिले को वर्ष 1995 में महानगर का दर्जा मिला था, लेकिन महानगर बनने के 23 साल बाद भी सुविधाएं नगर पालिका जैसी ही मिल रही हैं। यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए यातायात पुलिस का अलग महकमा है, फिर भी यातायात में सुधार नहीं हो पाया है। जबकि सबसे ज्यादा लोग यातायात व्यवस्था बिगड़ने से प्रभावित होते हैं। स्मार्ट सिटी चयन हुए छह महीने बीत गए लेकिन यातायात सुधारने में हम पीछे हैं। यातायात सुधार को लाल बत्ती व पुलिस बूथ लगाए गए थे लेकिन वर्तमान में दोनों ही ठप हैं। महानगर का कोई चौराहा व सड़क ऐसी नहीं है जहां पर जाम की समस्या न हो। इसके लिए जितनी पुलिस दोषी है उतनी ही जनता। यातायात सुधार को अब आकर सोची गई है। रात को चौड़ी नजर आने वाली सडकें दिन में संकरी हो जाती हैं। फुटपाथ पर अतिक्रमण होने से जाम की स्थिति पैदा होती है। पार्किंग न होने से भी जाम लगता है। ताड़ीखाना, बुध बाजार, चौमुखा पुल पर तो बीच सड़क में वाहन खड़े होते हैं, जिससे आए दिन टकराने की घटनाएं होती हैं।

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इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम से आएगा सुधार

अब स्मार्ट सिटी में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए 20 अरब 26 करोड़ रुपये के प्रपोजल में प्रावधान किए गए हैं। इससे यातायात की बिगड़ी सूरत को संवारने की उम्मीद है।

इंटीग्रेटिड मैनेजमेंट सिस्टम(आइएमएस) में यातायात व्यवस्था को सुधारने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए 1.85 करोड़ रुपये से एरिया ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम को लागू किया जाएगा। इसमें यातायात का नियम तोड़ने वाले का ई-चालान कटेगा। आधुनिक यंत्र खुद ही व्यक्ति के वाहन संख्या को ट्रेस कर लेंगे और ई चालान उसके पर पहुंच जाएगा। इसके अलावा टै्रफिक सिंगनल एंड एसेसरीज ऑफ ट्रैफिक मैनेजमेंट पर 11.02 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें चौराहों पर स्मार्ट आधुनिक यंत्रों के माध्यम से ट्रैफिक कंट्रोल किया जाएगा। एलईडी डिस्पले लगाए जाएंगे। बसों के समय पर पहुंचने की जानकारी इन डिस्पले के माध्यम से मिलेगी। आप जहां खड़े हैं वहां से कितनी दूरी पर बस है, यह भी बोर्ड पर डिस्पले होगा। यह सिस्टम सिर्फ महानगर की सीमा में चलने वाली स्मार्ट बसों पर लागू होगा। किस स्टॉप पर स्मार्ट बस कितनी देर रुकेगी इसकी यह भी निर्धारित होगा। समय बाध्यता से यातायात की समस्या नहीं होगी। एक स्मार्ट बस छूटने के कुछ मिनट बाद दूसरी आएगी, जिससे एक साथ कई बसें बस स्टेशन पर खड़ी होने से जाम नहीं लगेगा।

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इन चौराहों पर यातायात सुधार की जरूरत

पीलीकोठी, पीएसी, अकबर का किला, दीनदयाल नगर, गंज गुरहट्टी, मझोली तिराहा, चौधरी चरण सिंह चौक, इंपीरियल तिराहा, फव्वारा चौक, कपूर कंपनी, ताड़ीखाना, बुध बाजार चौराहा, टाउन हाल, मंडी चौक, सम्भल चौराहा, प्रभात मार्केट, इंद्रा चौक, डिप्टी गंज, बंगला गांव चौराहा, अमरोहा गेट, लंगड़े की पुलिया, ईदगाह चौराहा, प्रकाश नगर चौराहा, कोहिनूर तिराहा, हनुमान मूर्ति, गुलाबबाड़ी चुंकी, पीतल बस्ती समेत कई और चौराहों पर आधुनिक यंत्र से यातायात सुधार की जरूरत है।

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पीलीकोठी पर बनेगी मल्टी स्टोरी पार्किंग

-यातायात सुधार के लिए पार्किंग व्यवस्था भी जरूरी है। वर्तमान में बाजार की तंग सड़कों पर चार पहिया वाहन खड़े रहते हैं। पूरे महानगर में चार पहिया वाहन के लिए पार्किंग के नाम में कुछ नहीं है। स्मार्ट सिटी के प्रपोजल में 20 अरब 26 करोड़ रुपये में पीलीकोठी, टाउन हाल पर मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाई जाएगी।

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यातायात व्यवस्था में सुधार होगा तभी शहर स्मार्ट बनेगा। जनता को यातायात के नियमों का पालन करने की जरूरत है।

-शिवेंद्र मल्होत्रा

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यातायात व्यवस्थ खराब करने में जनता व यातायात पुलिस दोनों दोषी हैं। ई चालान की व्यवस्था से काफी हद तक सुधार आएगा।

-कनिष्क

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चौराहों पर खड़े यातायात पुलिस कर्मियों से स्थिति नियंत्रण में नहीं होती। आधुनिक यंत्र से ई चालान होगा तो सुधार होगा।

-शबाहत खां

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यातायात नियंत्रण के लिए सुधार की बात तो सही है, लेकिन पुलिस अवैध वसूली करेगी तो यातायात नियंत्रण कैसे हो पाएगा।

-अशरफ

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वर्जन

स्मार्ट सिटी में यातायात सुधार को कई प्रोजेक्ट हैं। नगर निगम के माध्यम से इसको लगाया जाएगा लेकिन निगरानी यातायात पुलिस की रहेगी।

-अवनीश कुमार शर्मा, नगर आयुक्त।


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