तनाव में रहने वाले हो रहे हाई ब्लड प्रेशर का शिकार
मुरादाबाद। महानगर के चेस्ट व हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नीतिन बत्रा ने कहा कि तनाव देने वाले और तनाव
मुरादाबाद। महानगर के चेस्ट व हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नीतिन बत्रा ने कहा कि तनाव देने वाले और तनाव में रहने वाले दोनों ही हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हो रहे हैं।
विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर गुरुवार को मानसरोवर में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि उच्च रक्तचाप होने के कई कारण है। वर्तमान समय में उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) होने का सबसे बड़ा कारण तनाव व बदलते जीवनशैली है। काम का बोझ, व्यापार, पढ़ाई, नौकरी के कारण हर व्यक्ति तनाव में रहता है। कुछ लोग तनाव देते हैं और कुछ लोग तनाव सहते है। दोनों तनाव में रहते हैं। जिससे दोनों को हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा अधिक होता है। तनाव मुक्त रह कर बढ़ी आबादी को हाई ब्लड प्रेशर से बचाया जा सकता है।
2005 से मनाया जा रहा विश्व उच रक्तचाप दिवस
इस बीमारी को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन व चिकित्सकों के संगठनों ने 2005 से विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाना शुरू किया था। इस दिवस का मुख्य लक्ष्य है लोगों हाई ब्लड प्रेशर के प्रति जागरूक करना और तनाव मुक्त रहने की सलाह देना।
एकाएक नस फटने और हार्ट अटैक का खतरा
तनाव व बदले जीवनशैली से देश में प्रत्येक दस व्यक्ति में सात हाई ब्लड प्रेशर का शिकार है। कुछ व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर है। ऐसे व्यक्ति को एकाएक दिमाग की नस फटने या हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए 30 वर्ष की उम्र के बाद प्रत्येक व्यक्ति को उच्च रक्तचाप की जांच करनी चाहिए, जिसमें हाई ब्लड प्रेशर के लक्ष्य आ गए हैं, उसके चिकित्सकों के राय से नियमित दवा खाना शुरू कर देना चाहिए।
पसीना बहाने वालों को उच्च रक्तचाप का खतरा कम
पसीना बहाने वाले, धूप में काम करने वालों को उच्च रक्तचाप होने का खतरा नहीं होता है। गर्मी बढ़ने के साथ ही लोगों ने गर्मी से राहत पाने के लिए एसी, कूलर आदि का प्रयोग करता है, जिससे पसीना निकलना कम हो जाता है और उच्च रक्तचाप बढ़ना शुरू हो जाता है। पसीना बह जाने के बाद उच्च रक्तचाप कम हो जाता है। गर्मी के मौसम में उच्च रक्तचाप होने का खतरा कम होता है। एसी का प्रयोग अधिक करने से उच्च रक्तचाप बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। इसके कारण जिला अस्पताल में उच्च रक्तचाप के रोगियों की संख्या बढ़ी है।
डॉ. राजेंद्र कुमार
चिकित्सा अधीक्षक
जिला अस्पताल
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लक्षण
थकान महसूस करना
चक्कर आना
सिरदर्द होना
चिड़चिड़ा होना बचाव
शरीरिक श्रम अधिक करना
नमक की सेवन कम करना
योग करना
शराब, सिगरेट व तम्बाकू का सेवन नहीं करना
तैलीय पदार्थ कम खाना