Move to Jagran APP

युवा संभालेंगे कमान तो दस्तकारी में आएगी जान

मुरादाबाद (तरुण पाराशर) : पीतल दस्तकारी का हुनर जन्मजात मिलता है। पुरखों से विरासत में मिले इ

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 12:15 PM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 12:15 PM (IST)
युवा संभालेंगे कमान तो दस्तकारी में आएगी जान
युवा संभालेंगे कमान तो दस्तकारी में आएगी जान

मुरादाबाद (तरुण पाराशर) : पीतल दस्तकारी का हुनर जन्मजात मिलता है। पुरखों से विरासत में मिले इस गुण को दस्तकारों ने समय के साथ नए प्रयोग कर निखारा। अंगुलियों के जादू से मशीनों के प्रयोग तक उत्पादों की खूबसूरती बढ़ती चली गई। पर दस्तकारों की स्थिति सुधरने के बजाय, लगातार बिगड़ रही है। कंप्यूटर क्रांति के इस दौर में वह जरूरतके मुताबिक खुद को ढाल नहीं पाए हैं। अब पीतल दस्तकारी का कार्य भी सिमट रहा है। इसका कारण प्रशिक्षण का अभाव है। नई पीढ़ी को बदलती जरूरत के हिसाब से प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है। जब वह स्किल्ड होंगे तो इंडस्ट्री में मांग के अनुरूप कार्य कर सकेंगे, उनकी आय बढ़ने के साथ ही इंडस्ट्री को भी मजबूती मिलेगी। सरकार की एक जनपद एक उत्पाद योजना में सुधार वाले क्षेत्रों में प्रशिक्षण को प्रमुख स्थान दिया गया है। इसके लिए प्रशिक्षण केंद्र खोले जाने या फिर यहां संचालित पालीटेक्निक, आइटीआइ व अन्य तकनीकी शिक्षण संस्थानो में कोर्स चलाए जाने को प्रमुखता से शामिल किया गया है।

loksabha election banner

प्रशिक्षण का महत्व और आवश्यकता

समय के साथ एक्सपोर्ट उत्पादों की डिजाइन में बदलाव आ रहा है। काम कारखानों के बजाय बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में आधुनिक मशीनों से हो रहा है। जबकि दस्तकार और कारीगर अभी पुराने ढर्रे पर ही कार्य कर रहे हैं। एक्सपोर्ट का कार्य में अब तकनीकी विशेषज्ञता भी शामिल हो चुकी है। लगातार नई फर्म और फैक्ट्रियां स्थापित हो रही हैं। इनमें काम करने वाले स्किल्ड श्रमिकों की बेहद कमी है। कारण पूरे क्षेत्र में मुरादाबाद की इंडस्ट्री के अनुसार प्रशिक्षण केंद्र का नहीं होना है। यही कारण है कि प्रशिक्षण बेहद जरूरी है ताकि आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षित श्रमिक मिल सकें।

एमएचएससी पूरी नहीं कर पा रही जरूरत

मेटल हैंडीक्राफ्ट सर्विस सेंटर का प्रमुख उद्देश्य उत्पादन करने वाली इकाईयों के उत्पादन में सुधार लाने के लिए व्यवसायिक एवं तकनीकी सलाह प्रदान करना और हस्तशिल्प उद्योग से जुडे़ कारीगरों और हस्तशिल्पियों की योग्यता व प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करना है। अभी तक यह अपने इस उद्देश्य को पूरा करने में सफल नहीं हो सका है। जल्द ही प्रशिक्षण कोर्स शुरू किए जाने की तैयारी चल रही है। इस पर मंथन चल रहा है। कोर्स शुरू होने के बाद मुरादाबाद और आसपास के क्षेत्रों के युवाओं को इंडस्ट्री के आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा।

क्लस्टर योजना का भी नहीं मिला लाभ

हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की ओर से मेगा क्लस्टर योजना तैयार की गई थी। इसके तहत क्लस्टर आवंटित हुए थे। इसमें कच्चा माल उपलब्ध कराने से लेकर आधुनिक तकनीकी की सुविधा देना, प्रशिक्षण की व्यवस्था करना और आपसी सहयोग के आधार पर कार्य निस्तारण की सुविधा उपलब्ध कराना था, लेकिन अधिकांश क्लस्टर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए। क्लस्टर कार्य तो कर रहे हैं। उद्देश्य पूरा नहीं कर रहे हैं। खासकर प्रशिक्षण के स्तर पर मामला शून्य ही रहा है।

जल्द ही शुरू होंगे कोर्स

एमएचएससी में जल्द ही मुरादाबाद की इंडस्ट्री के आवश्यकता के अनुसार कोर्स डिजाइन कर शुरू किए जाएंगे। इससे युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने ही जनपद में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। इससे रोजगार सृजन भी होगा और इंडस्ट्री को प्रशिक्षित एवं स्किल्ड श्रमिक भी मिलेंगे।

डॉ. रविंद्र कुमार शर्मा, महाप्रबंधक एमएचएससी दस्तकारी छोड़ रहे युवा

समय के साथ युवा दस्तकारी में आना नहीं चाहते। काम ज्यादा और आय कम होने के कारण उनका मोह भंग हो रहा है। परंपरा से हटकर अगर उन्हें प्रशिक्षण मिले तो वह समय के साथ दौड़ लगा सकेंगे। अधिक आयकर अपने परिवार को अच्छा जीवन स्तर दे पाएंगे।

सरकार की ओर से युवाओं को प्रशिक्षित करने की योजना चलाई जा रही है। इसमें प्रशिक्षण के साथ आय भी होती है। यह केवल दस्तकारी तक ही सीमित है। इसका दायरा बढ़ाने के साथ ही मान्यता प्राप्त भी बनाना होगा।

-हरपाल सिंह, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हस्तशिल्पी एवं प्रशिक्षक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.