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कांग्रेस नेता नदीम अंसारी के बगावती सुर, बोले- मेरा नाम काटकर दो करोड़ में बेचा गया है मुरादाबाद देहात का टिकट

UP Election 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी उठा-पठक खूब चल रही है। देहात विधानसभा 27 से कांग्रेस की पहली सूची में पार्षद नदीम अंसारी का टिकट फाइनल होने के बाद कट गया। इसको लेकर उन्होंने कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी समेत अन्य नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 04:58 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 04:58 PM (IST)
कांग्रेस नेता नदीम अंसारी के बगावती सुर, बोले- मेरा नाम काटकर दो करोड़ में बेचा गया है मुरादाबाद देहात का टिकट
UP Vidhan Sabha Election 2022 : इमरान प्रतापगढ़ी समेत प्रदेश स्तरीय नेताओं पर टीकाकरण को लेकर लगाए गंभीर आरोप

मुरादाबाद, जेएनएन। UP Vidhan Sabha Election 2022 : विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी उठा-पठक खूब चल रही है। देहात विधानसभा 27 से कांग्रेस की पहली सूची में पार्षद नदीम अंसारी का टिकट फाइनल होने के बाद कट गया। इसको लेकर उन्होंने कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी समेत अन्य नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शुक्रवार की शाम पत्रकारों से रुबरु होते हुए बताया कि दो से ढाई करोड़ रुपये में देहात विधानसभा का टिकट बेचा गया है।

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प्रदेश स्तरीय और जिला अध्यक्ष समेत अन्य नेताओं ने साजिश करके मेरा टिकट कटवा दिया। मैं कांग्रेस का सिपाही हूं। टिकट घोषित होने के बाद से मैंने क्षेत्र में जाना शुरू कर दिया था। मेरे पास सारे सबूत हैं। जिले की कांग्रेस को तीन दुकाने चला रहीं हैं। एक हैं प्रदेश के नेता अजय सारस्वत सोनी, दूसरी दुकान जिलाध्यक्ष असलम खुर्शीद चला रहे हैं। तीसरी दुकान कचहरी से चलाई जा रही है। झूठी शिकायतें करके मेरे टिकट कटवाने वालों की हकीकत सामने आनी चाहिए।

अल्पसंख्यक कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक अहमद खान ने बताया कि नीचे से लेकर ऊपर तक किसी का भी टिकट कटने का कोई मामला नहीं है। पार्टी की ओर से लगातार आब्जरवर चुनाव पर नजर बनाए हुए हैं। उन्हीं की रिपोर्ट प्रतिदिन बड़े नेताओं के पास पहुंच रही है। टिकट कटने का फैसला कांग्रेस कमेटी का है। इसका किसी से कोई लेना-देना नहीं है।

टिकट कटने पर नाराजगी तो स्वभाविक है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष असलम खुर्शीद ने बताया कि गोपनीय सर्वे के आधार पर पार्टी के बड़े नेताओं का टिकट बदलने का फैसला है। स्थानीय स्तर पर किसी नेता का कोई मामला नहीं है। पार्टी के फैसले को पार्षद को स्वीकारना चाहिए। पार्टी और नेताओं के खिलाफ कुछ बोला है तो अनुशासन कमेटी इसकी रिपोर्ट भेजेगी। अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


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