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    यूपी के इस ज‍िले में किसान सम्मान निधि लेने वाले साढ़े चार हजार दंपती बेनकाब, तत्‍काल रोक दी गई निधि

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 02:40 PM (IST)

    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को दी जा रही 20वीं किश्त की धनराशि जारी करते समय मोदी सरकार ने जब डेटा की गहन जांच कराई तो मुरादाबाद जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहां साढ़े चार हजार दंपती ऐसे मिले, जो पति-पत्नी दोनों इस योजना का लाभ ले रहे थे, जबकि नियम के मुताबिक इनमें से इस योजना का लाभ एक को ही मिल सकता है।

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    सांकेत‍िक तस्‍वीर।

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को दी जा रही 20वीं किश्त की धनराशि जारी करते समय मोदी सरकार ने जब डेटा की गहन जांच कराई तो मुरादाबाद जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहां साढ़े चार हजार दंपती ऐसे मिले, जो पति-पत्नी दोनों इस योजना का लाभ ले रहे थे, जबकि नियम के मुताबिक इनमें से इस योजना का लाभ एक को ही मिल सकता है।

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    जांच में बेनकाब होते ही केंद्र सरकार ने इन दंपती की निधि तत्काल रोक दी, हालांकि राहत की बात यह है कि वसूली नहीं की जाएगी। अब पति-पत्नी में से केवल एक व्यक्ति को ही आगे से किसान सम्मान निधि की राशि मिलेगी। दूसरे को दी गई राशि पहले वाले खाते में एडजस्ट कर दी जाएगी।


    मुरादाबाद जिले में कृषि विभाग ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किश्त के लिए कुल दो लाख 67 हजार किसानों का डेटा पोर्टल पर लाक किया था, जिसमें से दो लाख 64 हजार किसानों के खातों में राशि ट्रांसफर की गई। इसी प्रक्रिया के दौरान विभागीय जांच में करीब 4500 ऐसे किसान जोड़े मिले, जो आपस में पति-पत्नी थे और दोनों के नाम से योजना का लाभ चल रहा था।

    दरअसल, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लाभार्थी की पहचान आधार कार्ड और बैंक खाते से लिंक होकर की जाती है, लेकिन कई मामलों में पति-पत्नी ने अलग-अलग खातों और जमीन के रिकार्ड पर खुद को पात्र दिखा दिया, जिससे सिस्टम में दोनों का नाम जुड़ गया।

    सरकार ने जब आधार लिंक डेटा की “डीप स्कैनिंग” कराई तो यह डुप्लीकेट लाभार्थी जोड़े उजागर हुए। केंद्र सरकार ने इस मामले में वसूली की कार्रवाई से फिलहाल इनकार किया है, ताकि छोटे किसानों को तत्काल आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े।

    मोदी सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि डुप्लीकेट लाभार्थियों की पहचान होने के बाद आगे से केवल एक सदस्य को ही भुगतान किया जाएगा। पहले की किश्तों की रकम किसी भी प्रकार से वापस नहीं ली जाएगी, बल्कि एडजस्टमेंट करके अगली किश्तों में सुधार किया जाएगा। केंद्र सरकार की जांच ने यह साफ संदेश दिया है कि अब किसान सम्मान निधि का पैसा केवल पात्र किसानों तक ही पहुंचेगा।

    इस तरह से मिलेगा लाभ

     

    अब जिन दंपती की निधि रोकी गई है, ऐसे किसानों को कृषि कार्यालय या जनसेवा केंद्र पर जाकर ई-केवाईसी और भूमि सत्यापन दोबारा कराना होगा। जिनके नाम से डुप्लीकेट रिकार्ड मिला है, उन्हें अपने परिवार की जमीन का विवरण और बैंक खाता अपडेट करवाना होगा। जिस दंपती में किसी एक का नाम पहले से पोर्टल पर वैध है, उसी को आगे से निधि दी जाएगी। दूसरे का खाता ‘इनएक्टिव’ कर दिया जाएगा।
    नया आवेदन करने के लिए भी किसान जनसेवा केंद्र पर अपनी खतौनी और आधार कार्ड लेकर जाएं। पात्र होने पर उन्हें भी योजना का लाभ मिलेगा।

    एक साल में किसानों को मिलते हैं छह हजार

     

    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार छोटे और सीमांत किसानों को सालाना 6,000 रुपये की सहायता राशि देती है, जिसे तीन किश्तों में (2,000-2,000 रुपये) के रूप में सीधे बैंक खाते में भेजा जाता है। 2019 में शुरू हुई यह योजना किसानों की आर्थिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी प्रत्यक्ष नकद सहायता योजनाओं में से एक मानी जाती है। अब तक देशभर में 20 किश्तें जारी हो चुकी हैं। मुरादाबाद में यह योजना कुल 2.64 लाख किसानों को लाभ पहुंचा रही थी। सरकार की सख्ती के बाद अब यह संख्या थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन इससे योजना की पारदर्शिता और ईमानदारी में सुधार जरूर होगा।



    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ पति-पत्नी में एक को ही मिल सकता है। मुरादाबाद में एक साढ़े चार हजार दंपती मिले हैं। उनकी निधि की धनराशि रोक दी गई है। अब इनमें पति-पत्नी में यह देखा जा रहा है कि किसे पहले से मिल रही थी। उसी को आगे से धनराशि मिलेगी। यदि पति को पहले से योजना का लाभ मिल रहा है तो पत्नी के खाते में आई धनराशि को उनकी किश्तों में एडजेस्ट किया जाएगा। पत्नी के खाते की धनराशि एडजेस्ट होने के बाद ही आगे की किश्त की धनराशि मिलनी है।- संतोष कुमार द्विवेदी, उप कृषि निदेशक, मुरादाबाद मंडल