पर्यावरण स्वच्छता के लिए तीन छात्रों की टीम का अनूठा प्रयास Moradabad News
सूखे-गीले कूड़े की पहचान कर खुद कचरे के डिब्बे में भेजेगा यंत्र एकेटीयू की प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में मिल चुका है प्रथम पुरस्कार!
मुरादाबाद(अनुज मिश्र): पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के क्रम में अनूठा प्रयास हुआ है। वर्तमान में शहरों में गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग डिब्बों में डालने की व्यवस्था है लेकिन, इसके प्रति लोगों में कम जागरूकता है। लोग गलत डिब्बों में कूड़ा डाल देते हैं। मुरादाबाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के तीन छात्रों ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। छात्रों का यह यंत्र सूखे-गीले कूड़े की पहचान कर खुद उसे अलग-अलग डिब्बे में भेज देगा। कचरे का डिब्बा भर जाने पर बकायदा मोबाइल फोन पर सूचना मिलेगी। इसके लिए 'बकेट एपÓ विकसित किया गया है। प्रोजेक्ट की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एकेटीयू की ओर से हाल में ही आयोजित मंडलीय और प्रदेश स्तरीय प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में इसे प्रथम पुरस्कार मिला।
प्रोजेक्ट में इन यंत्रों का हुआ है प्रयोग
प्रोजेक्ट को तैयार करने में छात्रों ने नमी सेंसर, मेटल डिटेक्टर, लेवल सेंसर, सर्वो मोटर और दो माइक्रो कंट्रोलर चिप को इस्तेमाल किया है। नमी सेंसर नमी नापने का काम करेगा, मेटल डिटेक्टर मेटल कूड़े की पहचान करेगा, लेवल सेंसर से कूड़ेदान में कितना कूड़ा है, इसको मापा जा सकेगा। सर्वो मोटर यंत्र को संचालित करेगा। छात्र शाबाज खान ने बताया कि मॉनीटिरिंग के लिए 'बकेट एप बनाया गया है। इसके जरिये कूड़ेदान में कूड़े की स्थिति क्या है, घर बैठे इसके बारे में जान सकेंगे। समय से पहले कूड़ादान भरने की जानकारी मिल सकेगी।
इन जगहों पर होगा प्रयोग
छात्र शाबाज खान ने बताया कि शुरुआती दौर में मॉल, कॉलेज, एयरपोर्ट, स्कूल और अस्पतालों में इसका प्रयोग करने की तैयारी की गई है। नगर निगम यदि इस तकनीक का इस्तेमाल करना चाहेगा तो स्मार्ट सिटी के तहत उसे यह तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे शहर का स्मार्ट सिटी बनने का सपना पूरा हो सके, क्योंकि बिना स्वच्छता के स्मार्ट सिटी का सपना पूरा नहीं हो सकता।
प्रोजेक्ट की टीम
यंत्र तैयार करने वाली टीम में एमआइटी के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन के अंतिम वर्ष के छात्र शाबाज खान, मिनी कटारिया और हिवानी सिंह शामिल हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन के विभागाध्यक्ष डॉ. क्षितिज सिंघल, सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित सक्सेना और रुचि वाष्र्णेय के निर्देशन में छात्रों ने यह प्रोजेक्ट तैयार किया है।