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कारोबार चौपट होने पर लुटेरे बने चाचा-भतीजे, कार चालक समेत गिरफ्तार

Exposure of loot from cattle traders बरेली के पशु व्यापारी से ढाई लाख रुपये लूटने का आरोप। आरोपित लुटेरों के कब्जे से कार तमंचा व डेढ़ लाख रुपये बरामद

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 05:34 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 05:34 PM (IST)
कारोबार चौपट होने पर लुटेरे बने चाचा-भतीजे, कार चालक समेत गिरफ्तार
कारोबार चौपट होने पर लुटेरे बने चाचा-भतीजे, कार चालक समेत गिरफ्तार

मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना काल में कारोबार चौपट होने और नौकरी छूटने से हताश तीन युवक लुटेरे बन बैठे। पशु व्यापारी को तमंचे के बल पर लूटने के आरोप में कटघर पुलिस ने जिन तीन युवकों को गिरफ्तार किया है, उनमें से दो सगे चाचा-भतीजा हैं। हत्थे चढ़े आरोपितों में से दो उत्तराखंड के रहने वाले हैं। उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त वाहन के अलावा एक तमंचा, एक चाकू व डेढ़ लाख से भी अधिक रकम बरामद हुई है। तीनों आरोपितों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया। वहां से तीनों जेल भेज दिए गए।

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एसपी सिटी अमित कुमार आनंद ने बताया कि तीन सितंबर को बरेली के मीरगंज सूफीटोला के रहने वाले ऐतेसाम ने खुद को पशु व्यापारी बताते हुए कटघर पुलिस को सूचना दी कि उनसे ढाई लाख रुपये की लूट की गई है। पशु व्यापारी ने रुपये लूटने का आरोप उन कार सवार तीन बदताशों पर लगाया, जिन्होंने रात में बरेली तक पहुंचाने का झांसा देकर शहर के हनुमान मूर्ति तिराहे पर उसे अपनी कार में बैठाया। तमंचे व चाकू के बल पर कारोबारी से ढाई लाख रुपये लूटने वाले अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस उनकी तलाश में जुट गई।

शोरूम के सीसीटीवी कैमरे से मिला सुराग

लुटेरों की तलाश में जुटी कटघर पुलिस को पहला सुराग हनुमान मूर्ति तिराहे के समीप बंसल इंपैक्ट फर्म के सीसीटीवी कैमरे से मिला। कैमरे में लुटेरों की कार का नंबर कैद मिला। जिस कार से बदमाशों ने लूट की घटना को अंजाम दिया, वह उत्तराखंड के काशीपुर के रहने वाले मुहम्मद नसीम के नाम पंजीकृत है। पुलिस ने मुहम्मद नसीम से संपर्क साधा। तब पता चला कि छह माह पहले उसने अपनी कार काशीपुर के रहने वाले ब्रजेश के हाथ बेच दी थी। ब्रजेश ने पुलिस को बताया कि उसकी कार भाड़े पर चल रही है। काशीपुर में गन्ना मिल रेलवे क्रासिंग खडकपुरा देवीपुरा के रहने वाले जितेंद्र शर्मा ने उसकी कार किराए पर ली है। जितेंद्र शर्मा को दबोचने के बाद लूट की घटना का पर्दाफाश हो गया।

चाचा-भतीजे ने लिखी लूट की पटकथा

पूछताछ में जितेंद्र ने बताया कि वह महज वाहन चालक है। पहले काशीपुर में एक शिक्षक की वह गाड़ी चलाता था। कोरोना काल में उसकी नौकरी चली गई। इस बीच जितेंद्र की मुलाकात काशीपुर के रहने वाले रवि वर्मा निवासी गन्ना मिल रेलवे क्रासिंग के पार खड़कपुर देवीपुरा थाना आइटीआइ से हुई। रवि वर्मा फेरी लगाकर काशीपुर में सब्जी बेचता था। दोनों की दोस्ती हो गई। रवि वर्मा का भतीजा विक्की उर्फ संजय वर्मा मझोला थाना क्षेत्र के खुशहालपुर का मूल निवासी है। फिलहाल वह सीतापुरी कटघर में रहता है। विक्की आटोफिशियल ज्वेलरी बनाने वाली फर्म चलाता था। उसकी फर्म में एक दर्जन मजदूर काम करते थे। कोरोना काल में विक्की पर कर्ज का बोझ बढ़ गया। ढाई से तीन लाख रुपये की उस पर देनदारी हो गई। इससे उबरने के लिए विक्की ने अपराध की राह पकड़ ली। विक्की ने अपने चाचा सब्जी विक्रेता रवि को साथ लिया। रवि की मदद से वह जितेंद्र को अपना शागिर्द बना लिया। तीनों ने एक साथ मिलकर पशु कारोबारी से लूट की। पुलिस के मुताबिक लूट के दौरान बदमाशों ने पशु कारोबारी पर तरस भी खाया। लूट की रकम में से 20 हजार रुपये उसे वापस भी कर दिया। तीनों आरोपितों के कब्जे से पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त कार, 1,54,000 रुपये, एक तमंचा, दो कारतूस, एक चाकू बरामद किया। 


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