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किसानों पर केस : रेल रोकने वाले दो सौ किसानों पर दो मुकदमे

भाकियू असली ने किसानों का चीनी मिलों पर बकाया ५२ करोड़ का भुगतान दिलाने के लिए अगवानपुर स्टेशन पर रेल मार्ग ठप कर दिया। तीन घंटे किसान ट्रैक पर जुटे रहे।

By RashidEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 01:55 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 10:04 AM (IST)
किसानों पर केस : रेल रोकने वाले दो सौ किसानों पर दो मुकदमे
किसानों पर केस : रेल रोकने वाले दो सौ किसानों पर दो मुकदमे

मुरादाबाद, जेएनएन। अगवानपुर में गन्ना किसानों ने तीन घंटे तक रेलवे टै्रक को कब्जा करके रखा। अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने जब भुगतान का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया। इसके बाद जीआरपी ने 200 और आरपीएफ ने 150 किसानों के खिलाफ अलग-अलग दो मुकदमे दर्ज किए हैं।

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किसानों को 52 करोड़ रुपये है मिलों पर बकाया

अगवानपुर पेपर मिल के मैदान में किसान सुबह 11 बजे से जुटने लगे थे। पंचायत में भाकियू (असली) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह ने कहा कि जब तक प्रशासन 52 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान नहीं करता, वह अपना धरना समाप्त नहीं करेंगे। दोपहर करीब दो बजकर 45 मिनट में किसानों ने अगवानपुर स्टेशन के रेलवे ट्रैक पर बैठना शुरू कर दिया। इसके बाद ट्रैक के दोनों ओर से गुजरने वाली दो माल गाडिय़ों को रोक दिया गया। इनके पीछे आने वाली सभी ट्रेनों को रोकने का सिलसिला शुरू हो गया। 

अफसरों की मानने को तैयार नहीं थे किसान 

किसानों को समझाने के लिए सबसे तहसीलदार अवनीश कुमार सिंह के साथ जिला गन्ना अधिकारी सुभाष यादव पहुंचे। करीब एक घंटे तक दोनों अधिकारी किसानों को भुगतान को लेकर आश्वासन दे रहे थे, लेकिन किसान तत्काल भुगतान के साथ शुगर मिल मालिकों को जेल भेजने की मांग पर अड़ गए। करीब एक घंटे बाद नगर मजिस्ट्रेट नरेन्द्र बहादुर सिंह के साथ सीओ सिविल लाइन राजेश कुमार किसानों को समझाने के लिए पहुंचे, किसानों ने इन अधिकारियों से भी बात करने से इन्कार कर दिया। 

भुगतान के लिखित वादे को भी नहीं माने किसान 

किसानों की मांग पर जिला गन्ना अधिकारी ने कागज पर लिखकर छह दिनों में भुगतान की बात कही। किसान इसके बाद भी रेलवे ट्रैक को छोडऩे को तैयार नहीं थे। एडीएम प्रशासन लक्ष्मीशंकर सिंह और एसपी सिटी अंकित मित्तल को अधिकारियों ने पूरी जानकारी दी। शाम करीब साढ़े पांच बजे एडीएम प्रशासन और एसपी सिटी किसानों से बात करने के लिए स्टेशन पहुंचे। किसानों ने दोनों अफसरों के द्वारा लिखित आश्वासन देने के बाद रेलवे ट्रैक छोडऩे के साथ ही धरना समाप्त किया।

पांच मालगाडिय़ों को को रोकना पड़ा रास्ते में

रेलवे की रिकार्ड के अनुसार रेल लाइन पर दोपहर 2.45 बजे रेल लाइन पर धरने पर बैठ गए। मुरादाबाद-सहारनपुर रेल मार्ग तीन घंटे तक बंद रहा। पहली मालगाड़ी दोपहर 3.28 बजे से अगवानपुर के पहले रोकी गई। इस तरह से पांच मालगाड़ी बीच रास्ते में खड़ी रही। किसानों के लाइन से हटने पर पहली मालगाड़ी शाम 5.52 बजे रवाना हुई। प्रदर्शन में चौधरी महक सिंह, समरपाल सिंह, यशपाल सिंह, नीरज कुमार डब्बू, राजदीप सिंह, सतपाल सिंह, अनुज कुमार, रंजीत सिंह, वेदराव सिंह, प्रदीप कुमार, अकबर अली, तेज सिंह, सतेन्द्र सिंह आदि रहे।

गन्ना अधिकारी से हुई खूब नोकझोंक

रेलवे ट्रैक पर धरना देने के दौरान किसानों की जिला गन्ना अधिकारी सुभाष यादव के साथ खूब नोकझोंक हुई। जब भी डीसीओ किसानों को समझाने के लिए जाते,तो उनके साथ धक्का-मुक्की की स्थिति बन जाती थी। कई बार उनके हाथ तक को किसानों ने झटक दिया। किसानों के तेवरों के आगे अफसर बेबस खड़े थे। उनके पास न तो कहने के लिए कुछ था और न ही वह किसानों के खिलाफ कुछ कर सकते थे।एडीएम प्रशासन लक्ष्मीशंकर सिंह ने बताया कि छह करोड़ रुपये गन्ना भुगतान को जिला गन्ना अधिकारी के खाते में आ गया है। आगामी एक सप्ताह में यह पैसा आरटीजीएस के माध्यम से किसानों के खाते में डाल दिया जाएगा।

डीएम कार्यालय में गन्ना लेकर आएंगे किसान

किसानों ने धरना समाप्त करने के दौरान यह भी एलान किया कि अगर 15 जनवरी तक गन्ने का बकाया भुगतान करने में इस बार लापरवाही की गई तो आगामी 16 जनवरी को भारतीय किसान यूनियन (असली) जिलाधिकारी कार्यालय में गन्ना ट्रालियों में भरकर पहुंचेगे। किसानों ने कहा कि गन्ना डीएम कार्यालय में डालकर प्रदर्शन किया जाएगा। इसके लिए केवल अफसर ही जिम्मेदार होंगे।


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