मुरादाबाद के चर्चित सत्येंद्र रस्तोगी हत्याकांड में दो सिपाही बर्खास्त
Satendra Rastogi murder case सत्येंद्र रस्तोगी हत्याकांड की जांच में दो सिपाहियों पर दोष साबित हो गया। हालांकि अभी मामले की जांच जारी है।
मुरादाबाद। सत्येंद्र रस्तोगी हत्याकांड में आरोपित सिपाही अमरपाल और अमित कुमार को एसएसपी आमित पाठक ने बर्खास्त कर दिया है। जबकि तीसरे सिपाही के खिलाफ जांच जारी है।
मुगलपुरा के कानून गोयन निवासी सराफ सतेंद्र रस्तोगी की २7 जनवरी 2004 को हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में मूंढापांडे थाने के तत्कालीन थानाप्रभारी सैयद मंसूर आबिद और उनके चार हमराह गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे। पांचों पुलिस कर्मियों के खिलाफ बर्खास्तगी कार्रवाई भी हो चुकी है। इनमें से तीन सिपाही अमर पाल, अमित और राहुल यादव हाईकोर्ट चले गए और रिट दायर कर दी। जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें बिना नोटिस के बर्खास्त किया गया है। उनका पक्ष नहीं सुना गया। हाई कोर्ट ने बर्खास्तगी के आदेश को निरस्त करते हुए दोबारा जांच करने के आदेश दिए थे। इस मामले में दोबारा जांच की गई। जांच में सिपाही अमित कुमार और अमरपाल को दोषी मानते हुए एसएसपी अमित पाठक ने बर्खास्त कर दिया है। यह घटना सपा सरकार में हुई थी। मंसूर आबिद इस मामले को लेकर काफी चर्चा में रहे थे। वह बरेली के कैंट क्षेत्र में रह रहे हैं और वकालत करते हैं।
हत्या कर पटवाई क्षेत्र में फेंक दी थी लाश
26 जनवरी 2014 को कानूनगोयान के सर्राफ सत्येंद्र रस्तोगी को पूछताछ के लिए थाने लाई थी। आरोप है कि इस दौरान हत्या कर लाश रामपुर जिले के पटवाई में फेंक दी थी। इसमें मूंढापांडे थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष सैय्यद मंसूर आबिद, सिपाही राहुल यादव, मुनेंद्र, अमरपाल व अमित को नामजद किया गया था। पुलिस ने दो फरवरी को सिपाही अमरपाल व अमित को गिरफ्तार कर लिया था। बाकी तीनों को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर संपत्ति कुर्की कर ली थी। 29 दिसंबर को मझोला पुलिस ने फरार सिपाही राहुल को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था तभी से चौथा हत्यारोपी सिपाही मुनेंद्र फरार चल रहा था। इस बीच, शासन की सख्ती पर पुलिस ने हत्यारोपियों पर दबाव बनाया तो सिपाही मुनेंद्र ने खुद को बेगुनाह बताते हुए अदालत में आत्मसमर्पण की गुहार लगाई। सोमवार को बिजनौर जिले के कोतवाली क्षेत्र के मंगोलपुरी निवासी सिपाही मुनेंद्र पाल ने पुलिस चौकसी को धता बताते हुए सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। सीजेएम ने हत्यारोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।