दिल्ली के साइबर ठगों के दो गुर्गे मुरादाबाद में गिरफ्तार, जानिए क्या है मामला
सोभना ग्रामोद्योग आश्रम के खाते में मंगाकर बांट रहे थे रकम। गोलू की तलाश की जा रही है। वह दिल्ली में बैठकर कॉल सेंटर चलाता है। लोगों को झांसे में लेकर उनके खाते से मोटी रकम पल भर में निकालकर खातों में ट्रांसफर कर देता है।
मुरादाबाद, जेएनएन। लखनऊ के 1083 सेक्टर के आशियाना के रहने वाले सनी राघवेंद्र सिंह से आरवीएल बैंक का कर्मचारी बनकर क्रेडिट कार्ड अपग्रेड कराने का झांसा देकर एक लाख रुपये की ठगी करने वाले मास्टर मांइड के दो गुर्गों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस मास्टर माइंड गोलू की तलाश करने में लगी है। उसे पकड़ने के लिए टीम भेजी जा रही है।
एसपी सिटी अमित कुमार आनंद ने बताया कि 25 सितंबर को सनी राघवेंद्र सिंह ने साइबर थाना मुरादाबाद में मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़ित का कहना था कि उनके मोबाइल नंबर पर आरवीएल बैंक का कर्मचारी एक अनजान का फोन आया। उसने उसका क्रेडिट कार्ड का नंबर बताकर उसे अपग्रेड करने का झांसा दिया था। इसके लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) पूछकरदो बार में 50-50 हजार के एक लाख रुपये निकाल लिए। इसके अलावा 52000 रुपये और 50000 रुपये की ठगी होने की सूचना साइबर थाने को दी। साइबर थाने के प्रभारी नरेश कुमार सिंह ने अपनी टीम के साथ छानबीन की तो पता लगा कि साइबर ठग सोभना ग्रामोद्योग आश्रम के खाते का इस्तेमाल कर रहे थे। ठगों ने संस्था में काम करने वाले वैभव रस्तोगी निवासी रामगंगा विहार, स्टेडियम के पीछे फेस-दो और दीनदयाल शर्मा निवासी गुलाल रेती स्ट्रीट, थाना कोतवाली को अपने साथ मिला था। संस्था के खाते में ही वह ठगी की धनराशि मंगाकर 60 फीसद खुद ले लेते थे।
चालीस फीसद रकम आश्रम के दोनों के कर्मचारी बांट लेते थे। पुलिस ने दीनदयाल और साइबर ठग के एजेंट अब्दुल जाहिद निवासी सऊद की फर्म वाली गली, नागफनी को गिरफ्तार कर लिया। वैभव और इस गिरोह का मास्टर माइंड गोलू अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है। खाते के आधार पर जानकारी जुटाकर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। अभियुक्तों के पास पांच हजार रुपये नकद, पांच एटीएम कार्ड, चार मोबाइल बरामद हुए हैं। गोलू की तलाश की जा रही है। वह दिल्ली में बैठकर कॉल सेंटर चलाता है। लोगों को झांसे में लेकर उनके खाते से मोटी रकम पल भर में निकालकर खातों में ट्रांसफर कर देता है। एसपी सिटी ने बताया कि अभी कुछ और लोग भी इस मामले में मुल्जिम बनाए जाने हैं। जांच की जा रही है, जिन लोगों के नाम आएंगे, सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
देश भर में फैला है गोलू का नेटवर्क
साइबर ठग गोलू के पास दिल्ली में पूरी टीम है। उसने फर्जी आइडी के खाते खुलवाने को गुर्गे बना रखे हैं। कुछ ऐसे खाताधारकों का जुगाड़ करने लिए देशभर में उसके गुर्गे काम करते हैं, जो लालच में आकर ठगी का पैसा अपने खातों में डलवाकर उसमें से 60 फीसद रकम वापस कर दें। ताकि भेद खुलने पर पुलिस उन्हीं के बीच उलझकर रह जाए। जाहिद इसी तरह गोलू के लिए खातेधारक तलाश करता था। उनमें ठगी का पैसा आते ही उसकी साठ फीसद रकम लेकर दिल्ली गोलू के पास पहुंचा देता था। उसमें से गोलू उसे भी हिस्सा देता था। गोली पैसा ट्रांसफर होते ही सूचना जाहिद को भेज देता था।
मालिक के भरोसे का लाभ उठाया
आश्रम के कर्मचारियों ने मालिक के भरोसे का पूरा लाभ उठाया। एएसपी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि आश्रम के मालिक बुजुर्ग हैं। उन्होंने अपने खाते का संचालक दीनदयाल और वैभव को दे रखा था। एटीएम और चेकबुक सब इन दोनों के पास ही रहते थे। इसी की लाभ उठाकर उन्होंने साइबर ठगों को खाता नंबर दे दी। 15 दिन में इस खाते में करीब 12 लाख रुपये का लेनदेन हुआ है। गोलू खातों में आने वाला पैसा लेने के लिए अपने तय स्थानों पर बुलाता था। खुद कभी अपने अड्डे पर नहीं मिला। पांच मिनट पर स्थान बदल देताा था। कई बार को तो उसने दस मिनट पहले तक स्थान को बदलकर पैसा लिया है। पुलिस से अलर्ट रहने के लिए वह यह सब करता था।