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मैंथा की खेती में बढ़ा किसानों का रुझान

विदेशी बाजार में डिमांड बढ़ने के कारण मैंथा के दाम दो गुने हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 12:04 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 12:04 PM (IST)
मैंथा की खेती में बढ़ा किसानों का रुझान
मैंथा की खेती में बढ़ा किसानों का रुझान

मुरादाबाद, (मुस्लेमीन)। विदेशी बाजार में डिमांड बढ़ने के कारण मैंथा के दाम दोगुने हो गए हैं। इससे किसानों को भी मोटा मुनाफा हुआ। इसी को देखते हुए किसानों का मैंथा की खेती में रुझान बढ़ा है। रामपुर के अलावा सम्भल, बदायूं, अमरोहा, मुरादाबाद, चन्दौसी, बहराइच और बाराबंकी में भी मैंथा की खेती होती है। मैंथा का बड़ा कारोबार है रामपुर में भारत में दुनिया का 99 फीसदी मैंथा उत्पादन होता है और रामपुर में भारत का करीब 15 फीसदी। यहां से करीब 1500 करोड़ का मैंथा निर्यात भी होता है। मजदूरों और किसानों से लेकर उद्यमियों तक हजारों लोग इस धंधे में लगे हैं। किसान अपने खेतों में मैंथा की खेती करते हैं। खेतों में ही मैंथा का तेल निकालने के लिए भट्ठी और टंकी लगाते हैं। इसके बाद तेल शहर में फैक्ट्रियों में बेच दिया जाता है। रामपुर से निर्यात होता है मैंथोल रामपुर शहर में मैंथा की छह बड़ी फैक्ट्रियां लगी हैं। इनमें तेल से मैंथोल तैयार होता है। इसे निर्यात किया जाता है। पिछले सालों में विदेशी बाजार में ¨सथेटिक मैंथा आने से नेच्युरल मैंथा की डिमांड कम हो गई थी, लेकिन इस साल फिर नेच्युरल मैंथा की डिमांड बढ़ी और तेल के दाम भी तेजी से बढ़ गए। इस समय शिवालिक प्रजाति के तेल के दाम 1800 रुपये किलो हैं, जबकि पिछले साल नंबर माह की शुरुआत में 1100 रुपये किलो थे। दाम बढ़ने से किसानों को अच्छा मुनाफा हुआ है। इस कारण किसानों का फिर से मैंथा की खेती में रुझान बढ़ा है।

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चालीस हजार किसान करते हैं मैंथा की खेती भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष हसीब अहमद बताते हैं कि इस साल दाम अच्छे होने के कारण मैंथा की खेती बंपर होगी। इस समय किसान मैंथा की जड़ तैयार कर रहे हैं। यह फरवरी तक तैयार हो जाएगी। किसानों ने मैंथा की फसल लगाने के इरादे से इस समय खेतों में लाही और मटर की फसल लगाई है। यह फसल फरवरी तक कट जाएगी और खेत खाली हो जाएंगे। इन खेतों में ही मैंथा की फसल उगाई जाएगी। जिले में करीब 40 हजार किसान मैंथा की खेती करते हैं। प्रदेश से 3500 करोड़ का निर्यात यूपी मैंथोल एक्सपोर्टस एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु कपूर कहते हैं बाजार में उतार चढ़ाव के कारण जापान, स्पेन और जर्मनी की कई कंपनियों ने ¨सथेटिक मैंथोल का उत्पादन शुरू कर दिया। इन कंपनियों का मानना है कि नेच्युरल मैंथोल के दामों में स्थिरता नहीं है। उत्तर प्रदेश से करीब साढ़े तीन हजार का मैंथा निर्यात होता है। प्रदेश सरकार को मैंथा की खेती बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए। रामपुर से ही करीब 1500 करोड़ का निर्यात होता है। रामपुर जिले में मैंथा तेल निकालने की करीब चार हजार इकाई लगी हैं, इनमें कई हजार मजदूर काम करते हैं।

मैंथा ने दिलाया राष्ट्रपति पुरस्कार मैंथा की खेती ने रामपुर के सुशील सहाय को राष्ट्रपति पुरस्कार भी दिला दिया है। मैंथा की शिवालिक प्रजाति की खोज रामपुर के सुशील सहाय ने की। उन्हे इसके लिए राष्ट्रपति ने पद्मश्री अवार्ड से भी नवाजा गया। मैंथा की यह प्रजाति किसानों को खूब भाई। इसमें तेल अच्छा निकलता है, इसलिए रामपुर में किसान इस प्रजाति को ही उगाते रहे हैं।


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