लीजिये, उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के बाईपास पर सफर होगा आसान
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच बाईपास माने जाने वाले अलीगंज मार्ग के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने 8.78 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को जोडऩे वाले ठाकुरद्वरा के अलीगंज मार्ग के निर्माण के लिए शासन ने 8.78 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित कर दी है। कई साल से लंबित कार्य को देखते हुए शासन ने मार्ग का 31 मार्च तक निर्माण पूर्ण करने के निर्देश भी दिए हैं। ठाकुरद्वारा से अलीगंज मार्ग पिछले करीब दो वर्ष से जर्जर हालत में है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का बाईपास पुकारे जाने वाली रोड पर कभी ढेला नदी के पानी तो कभी रेत की वजह से बड़े वाहनों का तो गुजरना ही मुश्किल हो गया था। दर्जनों गांवों के लोग भी परेशान थे।
सपा शासन में हुए थे 11.71 करोड़ रुपये स्वीकृत
पिछली सरकार में करीब साढ़े सात किमी रोड के चौड़ीकरण समेत निर्माण के लिए 11.71 करोड़ रुपये स्वीकृत हुआ था, जिसकी प्रथम किश्त 2.34 करोड़ रुपये जारी हो गई थी। इस धनराशि से चौड़ी करण का कार्य किया गया था, लेकिन बीच में बरसात के चलते ढेला नदी सड़क का बड़ा हिस्सा बहा ले गई थी। लोक निर्माण विभाग ने रोड को भारी वाहनों के लिए बंद कर दिया था। इसके साथ गांवों का पानी भी रोड पर गड्ढों में भरने की वजह से काफी जर्जर हो चुका था।
सड़क निर्माण को ग्रामीण कर चुके हैं कई मर्तबा प्रदर्शन
इस मार्ग के निर्माण के लिए क्षेत्रीय लोगों ने कई बार प्रदर्शन के साथ ही संपूर्ण समाधान दिवस में भी ज्ञापन दिया। अब शासन ने 8 करोड़ 78 लाख रुपये की दूसरी किश्त जारी की है। इसके साथ ही मार्ग का निर्माण 31 मार्च तक पूर्ण कर शासन को अवगत कराने का आदेश लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता को दिया। साढ़े तीन माह में क्षेत्रीय लोगों को जर्जर सड़क से मुक्ति मिल जाएगी।
सपा सरकार ने समझी थी क्षेत्रवासियों की समस्या
विधायक नवाब जान खां ने बताया कि ठाकुरद्वारा-अलीगंज मार्ग निर्माण का प्रस्ताव सपा सरकार में हुआ था। इसकी प्रथम किश्त भी जारी हो गई थी। अब दूसरी किश्त जारी की गई है। इसके लिए कई मर्तबा शासन को पत्र लिखे। इस मार्ग निर्माण से क्षेत्रीय लोगों को राहत मिलेगी। मानपुर दत्तराम गांव के आशुतोष शर्मा का कहना है कि मार्ग जर्जर होने की वजह से दर्जनों गांवों के ग्रामीण परेशान थे। बरसात में तो ग्रामीणों का तहसील मुख्यालय से ही संपर्क कट जाता था। मार्ग निर्माण से लोगों का यातायात सुगम होगा।