मुरादाबाद रेल मंडल के पांच रेल मार्गों पर मार्च तक तेज गति से दौड़ने लगेंगी ट्रेनें, यात्रियों को मिलेगी राहत
बीच रास्ते से स्टेशनों के यार्ड के लूप लाइन व कांटा बदलने का काम अधूरा है प्रथम चरण में इस मार्ग पर ट्रेनों की गति सौ से बढ़ाकर 110 किलो मीटर प्रतिघंटा मार्च तक की जानी है। इसकी फाइल उत्तर रेलवे मुख्यालय भेजी जा चुकी है।
मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। मुरादाबाद रेल मंडल के पांच रेल मार्गों पर मार्च से तेज गति से ट्रेनों को दौड़ाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसकी अंतिम स्वीकृति के लिए फाइल उत्तर रेलवे मुख्यालय भेजी गई है। प्रथम चरण में सहारनपुर-मुरादाबाद-लखनऊ रेल मार्ग पर 110 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनों को चलाने की योजना है।
रेल प्रशासन पुराने ढांचे को बदलने और मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रहा है। कोरोना संक्रमण के दौरान मंडल रेल प्रशासन ने चार सौ किलोमीटर पुरानी रेलवे लाइन और स्लीपर बदलने का काम कर लिया है। बदले गए रेल मार्ग पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। सहारनपुर-मुरादाबाद लखनऊ तक लगभग साढ़े पांच सौ किलोमीटर रेलवे लाइन बदलने का काम हो चुका है। लेकिन बीच रास्ते से स्टेशनों के यार्ड के लूप लाइन व कांटा बदलने का काम अधूरा है, प्रथम चरण में इस मार्ग पर ट्रेनों की गति सौ से बढ़ाकर 110 किलो मीटर प्रतिघंटा मार्च तक की जानी है। इसकी फाइल उत्तर रेलवे मुख्यालय भेजी जा चुकी है। रेलवे की टीम ने बीच रास्ते के सभी स्टेशनों के पुराने लूप लाइन व कांटे को 31 मार्च 2023 तक बदलने का लक्ष्य तय किया है। अप्रैल 2023 से इस मार्ग पर ट्रेनों की गति बढ़ाकर 130 किलो मीटर प्रतिघंटा की जानी प्रस्तावित है। इसके बाद इस मार्ग पर वंदे भारत एक्सप्रेस व तेजस एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों को चलाया जा सकता है। इसके अलावा रेल मंडल के गजरौला-बिजनौर-नजीबाबाद और कोटद्वार-नजीबाबाद रेल मार्ग पर वर्तमान में ट्रेनें 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रहीं हैं। दोनों रेल मार्ग पर ट्रायल के बाद ट्रेन की गति सौ किलो मीटर प्रतिघंटा करने का प्रस्ताव भेजा है। लक्सर हरिद्वार मार्ग पर 121 किलो मीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रायल सफल हो चुका है, इस मार्ग पर ट्रेनों को एक सौ के बजाय 121 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाने का भी प्रस्ताव मुख्यालय भेजा है। मुरादाबाद-चन्दौसी रेल मार्ग पर 95 से बढ़ाकर एक सौ किलोमीटर प्रतिघंटा करने का प्रस्ताव भेजा है। इन मार्ग पर मार्च 22 तक ट्रेनों की गति बढ़ाने दिए जाएंगे। इसके बाद बालामऊ-सीतापुर-ऊनाव मार्ग पर ट्रेनों की गति 50 से बढ़ाकर सौ किलोमीटर प्रतिघंटा करने के लिए काम किया जाएगा। बरेली-चन्दौसी के बीच ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए रेल मार्ग का सुधार किया जा रहा है। चन्दौसी-अलीगढ़ के बीच विद्युतीकरण का काम पूरा होते ही ट्रेनों को 75 के स्थान सौ किलो मीटर प्रतिघंटा की रफ्तार चलाया जाना प्रस्तावित है। इसके बाद सभी मार्गों पर मालगाड़ी की संख्या बढ़ाई जाएगी।