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कहने को सेवाएं ऑनलाइन, थाने में समाधान को लग रही लाइन

मुरादाबाद : रामगंगा विहार के सचिन दिवाकर ने वेबसाइट्स पर चरित्र प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Apr 2018 02:00 AM (IST)Updated: Mon, 09 Apr 2018 02:00 AM (IST)
कहने को सेवाएं ऑनलाइन, थाने में समाधान को लग रही लाइन
कहने को सेवाएं ऑनलाइन, थाने में समाधान को लग रही लाइन

मुरादाबाद :

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रामगंगा विहार के सचिन दिवाकर ने वेबसाइट्स पर चरित्र प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। 15 दिन बीतने के बाद भी उनकी शिकायत पर कोई रेस्पांस नहीं आया है। सचिन ने थाने पहुंचकर आवेदन कर चरित्र प्रमाण पत्र बनवाया। सचिन का कहना है कि एप सिर्फ कहने के लिए बनाए है, उन पर काम करने वाला कोई नहीं है। यह सिर्फ सचिन की पीड़ा नहीं है। बल्कि विकल्प पोर्टल भी महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे पा रहा है। उस पर आने वाली शिकायतों का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। इससे साफ है कि पुलिस की वेबसाइट्स पर विभिन्न समस्याओं के निस्तारण को एप तो बना दिए हैं, पर उन पर सुनवाई नहीं हो पा रही है।

सीएम प्रत्येक जनसभा में कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने का दावा कर रहे हैं। साथ ही पुलिस को स्ट्रांग बनाने की कोशिश भी की जा रही है। मुरादाबाद के थानों में पुलिस की कार्यप्रणाली में बदलाव देखने को मिला है। हाल में थाने पहुंचने वाले फरियादियों को पानी और मीठा भी मुहैया कराया जा रहा है। लेकिन ई-पुलिसिंग में जनपद अभी कोसो दूर खड़ा है। पुलिस की वेबसाइट्स पर दस एप बने हुए है, ऑनलाइन एफआइआर से लेकर महिलाओं की सुरक्षा को विकल्प पोर्टल बनाया है, गुमशुदा के लिए भी थाने जाने की जरूरत तक नहीं रखी गई। उसके लिए भी एप बनाया है। सबसे अहम बात यह है कि धरना प्रदर्शन या जुलूस के लिए अनुमति लेने के लिए भी थाने से लेकर अफसरों के चक्कर काटने की जरुरत नहीं है। लेकिन इन एप पर कोई काम नहीं हो पा रहा है। धरना प्रदर्शन की अनुमति प्रदान करने वाला एप खुल भी नहीं रहा है। महिलाओं के लिए तैयार किए विकल्प पोर्टल पर भी इक्का दुक्का शिकायत दर्ज की गई है, उनके निस्तारण को भी पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया है। सिर्फ पुलिस थानों में ऑनलाइन एफआइआर पर जोर दे रही है। बाकी शिकायतों को नहीं देखने का कारण एक्सपर्ट स्टाफ का नहीं होना है।

ये पुलिस की वेबसाइट्स पर एप :

ट्विटर सेवा, ई-एफआइआर, विकल्प पोर्टल (महिलाओं के खिलाफ अपराध की रिपोर्ट) खोई वस्तु की रिपोर्ट, किराएदार सत्यापन, कर्मचारी सत्यापन, घरेलू सहायक सत्यापन, चरित्र प्रमाण-पत्र सत्यापन, सार्वजनिक कार्यक्रम आवेदन, धरना/हड़ताल/ जुलूस आवेदन।

ये हैं चार माह के आंकड़े :

12 महिलाएं संबंधित शिकायतें विकल्प पोर्टल पर आई

18 शिकायत ट्विटर पर मिली, सभी का निस्तारण

10 सिटी सर्किल के थानों में ऑनलाइन एफआइआर

120 शिकायत सभी मामलों की जनपद में प्राप्त हुई।

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एप के संचालन को बनेगी एक्सपर्ट की टीम

एसएसपी जे रविन्दर गौड भी मान रहे है कि ऑनलाइन शिकायतों को गंभीरता से लेने की जरुरत है, इससे पीड़ित का समय और धन दोनों की बचत होती है। इसलिए एप संचालन के लिए पुलिस के एक्सपर्ट की टीम बनाई जा रही है। जल्द ही सभी एप पर मिलने वाली शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। महिला छेड़छाड़ संबंधित शिकायतों पर अभी भी पुलिस काम कर रही है।


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