आत्मघातः पूर्व प्रधान ने पत्नी-बच्ची संग की खुदकशी, रिटार्यड एडीजे ने खुद को गोली मार ली
मुरादाबाद के कुंदरकी में पूर्व प्रधान ने पत्नी और पांच साल की बेटी के साथ रेलवे स्टेशन से सौ मीटर की दूरी पर ट्रेन से कटकर खुदकशी कर ली।
मुरादाबाद (जेएनएन)। कुंदरकी में पूर्व प्रधान ने पत्नी और पांच साल की बेटी के साथ रेलवे स्टेशन से सौ मीटर की दूरी पर ट्रेन से कटकर खुदकशी कर ली। परिवार में जमीन के बंटवारे को लेकर हुए विवाद में पूर्व प्रधान ने आत्मघाती कदम उठाया। महिला चार माह की गर्भवती भी थी। एसपी रेलवे सुभाष चंद्र दूबे ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि परिवार ने ट्रेन के आगे कूद कर जान दी है। परिवार में चल रहे विवाद को खुदकशी का कारण माना जा रहा है। इसी तरह के एक अन्य मामले में सेवानिवृत्त एडीजे देवदत्त शर्मा ने अपनी लाइसेंसी दुनाली बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
विवाद को लेकर एक दिन पहले पंचायत
कुंदरकी थाने के नगला कमाल गांव निवासी बालजीत सिंह सेल्स टैक्स में अमीन थे। उनके तीन बेटे भूकन सिंह, विजेंद्र सिंह और अरविंद कुमार थे। बालजीत की 2005 में मौत हो गई थी। उसके बाद भूकन सिंह को उनके स्थान पर नौकरी मिल गई थी। परिवार में 60 बीघा जमीन थी, जिस पर विजेंद्र और अरविंद खेती करते थे। विजेंद्र प्रधान भी रह चुके थे। हाल में अरविंद सिर्फ 12 बीघा जमीन पर खेती करते हैं। बाकी पर विजेंद्र खेती कर रहे थे। भूकन सिंह अपने हिस्से की जमीन मांग रहा था, जिसे विजेंद्र अभी नहीं देना चाहते थे क्योंकि उन पर करीब 10 लाख रुपये का कर्ज है। इसी बात को लेकर इनमें विवाद चल रहा था और गुरुवार रात पंचायत भी हुई थी। शुक्रवार सुबह विजेंद्र चार बजे अपनी कार से पत्नी रेखा और पांच साल की बेटी डिम्पल के साथ निकल गए। इसके बाद बिलारी फाटक से कुछ दूर सुबह पांच बजकर 10 मिनट पर लखनऊ से आने वाली सद्भावना एक्सप्रेस ट्रेन के आगे कूद गए, जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। दूसरी ओर पूर्व प्रधान के भाइयों का कहना है कि प्रेम विवाह होने के कारण दंपती में विवाद रहता था। इसलिए पूरे परिवार ने जान दी है।
सेवानिवृत्त एडीजे ने गोली मारकर की खुदकशी
गाजियाबाद के सिहानी गेट थाना इलाके के नेहरूनगर थर्ड में रहने वाले सेवानिवृत्त एडीजे देवदत्त शर्मा (76) ने शुक्रवार तड़के अपनी लाइसेंसी दुनाली बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे एसपी सिटी आकाश तोमर ने जांच पड़ताल की। मूल रूप से बुलंदशहर के सिकंदराबाद निवासी देवदत्त शर्मा अलीगढ़, पीलीभीत, बिजनौर, कानपुर देहात, देवरिया व बलिया समेत यूपी के एक दर्जन से अधिक जिलों में जज रहे। देवदत्त 2002 में मुजफ्फरनगर से एडीजे (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश) के पद से रिटायर होने के बाद से गाजियाबाद के नेहरूनगर में ही परिवार के साथ रहते थे। परिवार में बड़ा बेटा सचिन शर्मा एक न्यूज चैनल में एचआर मैनेजर है, जबकि छोटा बेटा मनीष अधिवक्ता है। उनकी सात बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। सचिन ने बताया कि मार्च-2017 में उनकी मां सत्यवती की मौत हो गई थी। इसके बाद से ही पिता अकेलापन महसूस करने लगे थे। वह उदास रहते थे और उनके व्यवहार में भी बदलाव आया था। एसपी सिटी आकाश तोमर का कहना है कि परिवार की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है। संभवत: अकेलेपन के चलते देवदत्त ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की है।