खून की बूंदों से जरूरतमंदों को जिंदगी दे रहे तीन दोस्त, जानिए पूरी कहानी Moradabad News
। तीनों दोस्तों ने खून के लिए भटकने वालों की खातिर मदद के लिए वाट्सएप पर ब्लड बैंक का गु्रप बना डाला।
पाकबड़ा (शाहजेब शेरी)।
मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर,
लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया।
शायर मजरुह सुल्तानपुरी के शेर की दो लाइनों को साकार कर रहे हैं मुरादाबाद के तीन दोस्त। तीनों दोस्तों ने खून के लिए भटकने वालों की खातिर मदद के लिए वाट्सएप पर ब्लड बैंक का गु्रप बना डाला।
मझोला थाना क्षेत्र भोला सिंह की मिलक निवासी शाने आलम और असालतपुरा के मोहम्मद इमरान व हरथला निवासी परवेज़ आलम आपस मे काफी अच्छे दोस्त हैं। शाने आलम और इमरान के मन में विचार आया कि हम लोगों को ब्लड गु्रप बनाना चाहिए। लोगों को अस्पताल में खून की जरूरत पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए वाट्सएप पर ब्लड बैंक के नाम से गु्रप बना डाला। शाने आलम प्रिंस रोड पर एक लैब पर कार्यरत हैं। इमरान स्क्रैप तो परवेज़ आलम टाइल का शोरूम चलाते हैं।
परवेज़ आलम ने बताया कि अक्टूबर महीने में रात को 11 बजे घर पर सो रहे थे। इसी दौरान आशियाना फेस दो से अंबरीन अस्पताल से फोन आया कि एक महिला यासमीन को ब्लड की जरूरत है। रात में उन्हें ही खून की व्यवस्था करके दी।
शाने आलम ने कहा कि किसी को खून की जरूरत होती है हम उसका ब्लड गु्रप पूछकर गु्रप में डाल देते है। जिसका ब्लड मैच करता है वह खून देने के लिए चला जाता है। शाने आलम लैब से जुड़े होने के चलते काफी लोगों के संपर्क में रहते हैं। इससे कोई आर्थिक रूप से कमजोर मरीज हो तो चिकित्सक से कहकर कम पैसे या मुफ्त में भी काम करा देते हैं।