Move to Jagran APP

एक लाख की रिश्वत मांगने पर पूर्ति विभाग के तीन कर्मचारी फंसे

भ्रष्टाचार का यह मामला सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गंगापुर आवास विकास कालोनी निवासी दिलीप भाटिया से जुड़ा है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 02:16 AM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 09:15 AM (IST)
एक लाख की रिश्वत मांगने पर पूर्ति विभाग के तीन कर्मचारी फंसे
एक लाख की रिश्वत मांगने पर पूर्ति विभाग के तीन कर्मचारी फंसे

रामपुर। पूर्ति विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहते हैं। अब एक नया मामला सामने आया है, जिसमें विभाग के लिपिक समेत तीन कर्मचारी राशन विक्रेता से एक लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में फंस गए हैं। तीनों के खिलाफ सिविल लाइंस कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया है। भ्रष्टाचार का यह मामला सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गंगापुर आवास विकास कालोनी निवासी दिलीप भाटिया से जुड़ा है। उनकी मुहल्ला लाल कब्र पर राशन की दुकान थी, जिसे पिछले दिनों निलंबित कर दिया गया था। राशन विक्रेता की पत्नी कविता भाटिया ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें आरोप लगाया था कि पूर्ति लिपिक बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कर रहा है। उसने पहले हमारी दुकान से जुड़े उपभोक्ताओं के राशन कार्डों से यूनिट काट दिए। पति ने जब इसका विरोध किया तो दोबारा नाम जोडऩे के नाम पर एक लाख रुपये की मांग की गई। मांग पूरी न होने पर पति को धमकाया गया। मामले की शिकायत की गई तो उनकी राशन की दुकान निलंबित कर दी गई। महिला के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। सिविल लाइंस कोतवाल राधेश्याम ने बताया कि अदालत के आदेश पर पूर्ति निरीक्षक राकेश कुमार, कंप्यूटर आपरेटर इमरान और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ऋषिपाल ङ्क्षसह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। गौरतलब है कि पूर्ति निरीक्षक घटना के समय तहसील सदर में तैनात था। उसके द्वारा एक लाख रुपये मांगने का ऑडियो वायरल होने पर उसे सस्पेंड कर दिया गया था। बाद में दोबारा बहाल करते हुए उसे स्वार भेज दिया था।

loksabha election banner

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.