भद्रा से मुक्त है इस बार का रक्षाबंधन, पूरे दिन भाई की कलाई पर बहनें बांध सकेंगी राखी Moradabad News
शास्त्रों के अनुसार भद्रा रहित काल में ही राखी बांधी जाती है। लिहाजा इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा की नजर नहीं पड़ेगी।
मुरादाबाद। भाई बहन के पवित्र रिश्ते के बीच इस बार रक्षाबंधन के त्योहार पर कोई दोष नहीं है। ब्रह्म मुहूर्त से ही शाम तक भाई की कलाई पर राखी बांधी जा सकती हैं। 51 साल बाद यह दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन 13 घंटे तक शुभ मुहूर्त रहेगा। बहनें भद्राकाल से दोष मुक्त रक्षाबंधन पर पूरे दिन राखियां बांध सकती हैं। इस बार सावन पूर्णिमा भी ग्रहण से मुक्त रहेगी। इससे पर्व का संयोग शुभ और सौभाग्यशाली है। इस बार 51 साल के बाद अब तक का सबसे लंबा मुहूर्त है। सुबह पांच बजकर 49 मिनट से शाम को छह बजकर एक मिनट तक बहनें अपने भाई के रक्षा सूत्र बांध सकेंगी।
राखी बांधते वक्त इस मंत्र का करें जाप
ओम येन बुद्धि बलि राजा, दानवेन्द्री महाबल: तेन त्वां प्रति बध्नामि, रक्षे मा चल मा चल।
इस बार भद्राकाल का दोष सूर्योदय होते ही खत्म हो जाएगा। सुबह पांच बजकर 49 मिनट से बहनें राखियां बांध सकती हैं। 51 साल बाद रक्षाबंधन पर सबसे लंबा 13 घंटे का मुहूर्त है। सावन माह में 15 अगस्त के दिन चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का संयोग एक साथ बन रहा है।
पंडित केदारनाथ मिश्रा।
इस बार ब्रह्म मुहूर्त से ही रक्षा सूत्र का धागा बहनें बांध सकती हैं। इस पर्व के पीछे यह भी मान्यता है कि देवराज इंद्र जब राक्षसों से युद्ध करने चले थे तब उनकी पत्नी इंद्राणी ने रक्षा सूत्र बांधा था।
पंडित पुरुषोत्तम, पीपल वाला मंदिर दुर्गेश नगर।