इस किसान ने तैयार की रिसर्च रिपोर्ट तो राहुल गांधी ने बुला लिया दिल्ली, यूरिया पर लिया जा रहा था किसानों से ज्यादा कर्ज आरटीआइ के जरिए खोल दी सरकार की पोल
थाना रजबपुर क्षेत्र में रहने वाले एक जागरूक किसान ने आरटीआइ को हथियार बनाकर किसानों की किस्मत बदल दी। वर्ष 2008 में उन्होंने कृषि मंत्रालय से अहम जानकारियां जुटाकर किसानों का हजारों करोड़ रुपये कर्ज माफ करा दिया।
अमरोहा। थाना रजबपुर क्षेत्र में रहने वाले एक जागरूक किसान ने आरटीआइ को हथियार बनाकर किसानों की किस्मत बदल दी। वर्ष 2008 में उन्होंने कृषि मंत्रालय से अहम जानकारियां जुटाकर किसानों का हजारों करोड़ रुपये कर्ज माफ करा दिया। इसके बाद किसानों की आवाज बुलंद कर मध्य गंगा नहर परियोजना मंजूर कराई। हाल ही में आरटीआइ से यूरिया खाद की बोरी पर लिए जा रहे अतिरिक्त कर के बारे में जानकारी मांगी तो सरकार ने अतिरिक्त कर घटाने का एलान कर दिया। खेती से होने वाली मामूली आमदनी से वह बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं।
भलाई के लिए असाधारण काम
बात हो रही है रजबपुर थानाक्षेत्र के नाजरपुर नाईपुरा निवासी जागरूक किसान चौधरी शिवराज सिंह की। हाथ में हमेशा कागजों से भरा थैला लेकर नजर आने वाले इस साधारण किसान ने किसानों की भलाई के लिए असाधारण काम किए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई करने वाले शिवराज ने वर्ष 2008 में उस समय किसानों की लड़ाई शुरू की जब वह कर्ज के बोझ तले दबकर आत्महत्या कर रहे थे। उन्होंने तमाम केंद्रीय मंत्रालयों से आरटीआइ के जरिये यह जानकारी जुटाई कि देश के लिए किसान कितना उत्पादन कर रहा है और उसके लिए सरकार से उसे क्या मिल रहा है। इन जानकारियों के आधार पर उन्होंने एक रिसर्च रिपोर्ट तैयार की। इसमें उन्होंने इस बात का पर्दाफाश किया कि बतौर उत्पादक किसान जो फसल पैदा करता है उसके दाम उसे काफी कम मिलते हैं जबकि बतौर उपभोक्ता खेती के लिए वह कृषि यंत्रों से लेकर खाद, बीज आदि खरीदता है वह उसे काफी महंगे पड़ते हैं, इसके चलते खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है।
रिसर्च रिपोर्ट सामने आई तो मच गया तहलका
उनकी रिसर्च रिपोर्ट जब मीडिया के सामने आई तो तहलका मच गया। इसके बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार के अगुवाकार राहुल गांधी ने शिवराज सिंह को दिल्ली बुलाकर विस्तृत बातचीत की। इसके बाद ही सरकार ने 2008 के बजट में किसानों की ऋण माफी के लिए 60 हजार करोड़ रुपये का बजट जारी किया। वहीं बाद में 11 हजार 600 करोड़ रुपये और बढ़ा दिए गए। इस धनराशि से 2.99 करोड़ किसान लाभान्वित हुए।
नदी से निकली नहरों पर उठाया सवाल
इससे पूर्व शिवराज ने मेरठ व मुरादाबाद मंडल के बीच बहने वाली गंगा नदी से निकली नहरों पर सवाल उठाया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मेरठ मंडल की ओर गंगा से 13 नहरें निकाली गई हैं तो मुरादाबाद मंडल को एक भी नहर क्यों नहीं मिली। इसको लेकर उन्होंने 1995 से 99 तक जनसंपर्क अभियान चलाया। इस पर केंद्र सरकार ने मध्य गंगा नहर द्वितीय चरण परियोजना का एलान किया। हाल ही में जब उन्होंने आरटीआइ के जरिये उत्तर प्रदेश के किसानों से अतिरिक्त कर के रूप में यूरिया के प्रति बैग पर अधिक वसूले जा रहे 34 रुपये पर सवाल उठाया तो सरकार ने 11 जनवरी को अतिरिक्त कर समाप्त करने का एलान कर दिया। महज थोड़ी सी खेती से होने वाली आमदनी का एक बड़ा हिस्सा शिवराज किसानों की लड़ाई पर खर्च करते हैं।