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जान ले सकते हैं ये ब्लैक स्‍पॉट, तीन साल में हो चुकी इतने लोगों की मौत, वाहन चलाते समय बरतें सावधानी

तीन साल में ब्लैक स्पाट पर गई 72 लोगों की जान। जीवन पर भारी पड़ रही सड़क में तकनीकी खामी। ब्लैक स्पॉट से गुजरने वाले राहगीरों व यात्रियों को जागरूक करने के लिए सड़क किनारे बोर्ड लगाया जाता है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 05:30 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 05:30 PM (IST)
जान ले सकते हैं ये ब्लैक स्‍पॉट, तीन साल में हो चुकी इतने लोगों की मौत, वाहन चलाते समय बरतें सावधानी
ब्लैक स्पाट की तकनीकी खामी दूर करने के लिए शासन को पत्र लिखा जाता है।

मुरादाबाद, जेएनएन। ब्लैक स्पाट के आंकड़े में कमी के बाद भी सड़क हादसों की संख्या और इसमें मरने व घायल होने वालों की तादाद में वृद्धि हो रही है। महज तीन वर्ष के भीतर ब्लैक स्पाॅॅट पर 72 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। उपजे हालात प्रमाणित करते हैं कि ब्लैक स्पाॅट की तकनीकी खामी दूर करने के लिए जिस प्रतिबद्धता की दरकार थी, उसे आत्मसात नहीं किया गया। यही वजह है कि मुरादाबाद की सड़कों पर सफर खौफनाक रूप धारण करता जा जा रहा है।

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सड़क सुरक्षा समिति प्रति वर्ष सर्वे बाद जिले में ब्लैक स्पाट की पहचान करती है। वर्ष 2019 तक मुरादाबाद में कुल 14 ब्लैक स्पाट थे। आरटीओ, ट्रैफिक और पीडब्ल्यूडी विभाग की टीम ने वर्ष 2020 में जिले में महज दस ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया। बताया गया कि एक ही स्पॉट पर तीन साल के भीतर कम से कम से कम जब पांच अथवा इससे अधिक हादसे हों और मौत का आंकड़ा तीन या इससे अधिक हो, तो उन स्थानों को ब्लैक स्पाट के रूप में चिन्हित किया जाता है। ब्लैक स्पॉट से गुजरने वाले राहगीरों व यात्रियों को जागरूक करने के लिए सड़क किनारे बोर्ड लगाया जाता है। इसके अलावा ब्लैक स्पाट की तकनीकी खामी दूर करने के लिए शासन को पत्र लिखा जाता है। शासन के आदेश पर ब्लैक स्पाट को सुरक्षित बनाने की पहल होती है।

खून बहाते ब्लैक स्पाट

सम्भल रोड के दोनों तरफ जटपुरा गांव की आबादी है। अधिकांश हादसे शाम ढलने के बाद होते हैं। सड़क पार करते वक्त तेज रफ्तार वाहन राहगीरों को टक्कर मारते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 24 स्थित छपरा मोड़ सड़क हादसे के लिए बेहद संवेदनशील है। वहां कट के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं। टीएमयू कट, पाकबड़ा पर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पैदल राहगीरों के लिए सुरक्षित आवागमन की सुविधा नहीं है। अधिकांश हादसे सड़क पार करने के दौरान होते हैं।

ब्रेकर से होगा स्पीड पर कंट्रोल, धीरे चलें, दुर्घटना बाहुल्य इलाका है, सावधानी हटी, दुर्घटना घटी जैसे स्लोगन लगे बोर्ड इन ब्लैक स्पॉट्स पर हादसे को रोकने के लिए लगाए गए हैं। साथ ही तेज स्पीड को कंट्रोल करने के लिए ऐसे स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं, जहां पर तेज गति में कोई गाड़ी ना गुजर पाए। रोड पर जेब्रा क्रॉसिंग भी बनाई गई है।

लक्ष्मी नारायण सिंह, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग 


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