मुरादाबाद में आम की मंडी बना यह इलाका, 10-15 रुपये तक सस्ते मिल रहे अच्छी क्वालिटी के आम
कोरोना महामारी के साथ ही आंधी का असर आम के बागों पर भी पड़ा है। मुनाफा कम होने पर बाग संचालक खुद ही आम बेचने को मजबूर हैं। इस वजह से शहर की घनी आबादी वाला इलाका अंडे वालान आम की नई मंडी बन चुका है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के साथ ही आंधी का असर आम के बागों पर भी पड़ा है। मुनाफा कम होने पर बाग संचालक खुद ही आम बेचने को मजबूर हैं। इस वजह से शहर की घनी आबादी वाला इलाका अंडे वालान आम की नई मंडी बन चुका है। चौंकाने वाली बात ये है कि मंडी समिति से कम दाम में लोगों को आम की मिठास खींचकर ला रही है। यहां सहसपुर और अगवानपुर के किसान सीधे आम बेचने के लिए सुबह ही पहुंच जाते हैं। ठेले पर बिकने वाले आम से यहां 10 रुपये सस्ता आम मिल रहा है। लंगड़ा, दसहरी, चौसा, सफेदा, बंबइया आम की दुकाने सड़क किनारे सजी हैं। यहां शहर के तकरीबन ज्यादातर क्षेत्रों से लोग पहुंच रहे हैं।
आम, बाग के दाम, ठेले पर,
लंगड़ा, 30-35 रुपये, 45 रुपये,
दसहरी, 30-40 रुपये, 50 रुपये,
बंबइया, 30-35 रुपये, 50 रुपये,
सफेदा, 25-30 रुपये, 35-40 रुपये,
चौसा, 40-50 रुपये, 60 रुपये,
हमने 40 बीगे का आम का बाग ठेके पर ले रखा है। बाग से देने में औसत नहीं आ रहा था। इस वजह से अंडे वालान में खुद बेचने के लिए आ रहे हैं। लोगों को कम दाम में आम सीधे बाग का मिल जाता है।
दौलत सिंह त्यागी, सहसपुर
बाजार में अलग-अलग दाम में आम बेचे जा रहे हैं। पिछले दो साल से यहां आम बेचने आ रहे हैं। सुबह से शाम तक आम बिक जाता है। बस आने-जाने की परेशानी होती है।
अशोक कुमार, सहसपुर
यहां बाग की कई नस्लों का आम लोगों को खाने को मिल जाता है। अब तो यहां दूर दराज से आम खरीदने के लिए लोग आ रहे हैं। रेट भी कम होते हैं और बेहतर क्वालिटी का आम ग्राहकों को मिल जाता है।
इसरार अहमद, अगवानपुर,
हम लोग बाग ठेके पर ले लेते हैं। आंधी की वजह से आम के बाग में नुकसान पहुंचा है। इस वजह से खुद ही आम बेचने पड़ रहे हैं। पहले तो बाग में ही ठेका कर दिया जाता था। अब ऐसा नहीं है।
बब्बन, अगवानपुर
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