तीस महिलाओं ने एक समिति बना गांव को कर दिया शराब से मुक्त, जानिए कैसे Amroha news
जनपद अमरोहा के गांव कांकाठेर में बीस साल से शराब बनाने और बेंचने का काम किया जा रहा था लेकिन कुछ महिलाओं के प्रयास से आज गांव शराब मुक्त हो गया है।
मुरादाबाद । जनपद अमरोहा के जिस गांव में सुबह को सूरज निकलने से पहले शराब के जाम छलकने-बिकने लगते थे। शाम तक विवाद होते थे। उसी गांव कांकाठेर का माहौल अब जुदा सा हो गया है। शराबी पतियों की पिटाई व बच्चों को भूखा देखकर यहां की महिलाओं ने आंदोलन कर गांव को शराब मुक्त कर दिया।30 महिलाओं के आंदोलन से शराब बनाने व बेचने में बदनाम गांव में अब शराब का दूर तक नामोनिशान नहीं हैं।
बीस साल से चलता आ रहा था शराब का धंधा
हाईवे से सटा 15 हजार की आबादी वाला यह गांव शराब बनाने व बेचने के लिए बदनाम था। बुजुर्ग भूप ङ्क्षसह ने बताया कि लगभग 20 साल से शराब का धंधा चलता आ रहा था। इसमें पुरुष ही नहीं महिलाएं भी लिप्त थीं। इस कारण विवाद यहां आम बात हो गए थे। शराबी पतियों की पिटाई व बच्चों की भूख देखकर गांव की महिलाओं में शक्ति जाग गई। गांव की लगभग 30 महिलाओं ने एक समिति बना शराब मुक्ति को मोर्चा खोल दिया। आंदोलन गांव से गजरौला थाने और अमरोहा में जिलाधिकारी के कार्यालय तक पर पहुंचकर महिलाओं ने किया। गांव अवैध शराब बंद की मांग की। सो, महिलाओं की मेहनत रंग भी लाई। पुलिस सतर्क हुई। महिलाओं ने गांव में चार महिलाओं को अवैध शराब के साथ रंगे हाथ पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उनका चालान भी किया। इसके बाद से गांव का माहौल एकदम जुदा हो गया। जहां पर विवाद होना व शराबियों को जमावड़ा लगाना लगभग बंद सा हो गया।
यह महिलाएं शामिल थीं अभियान में
गजरौला : गांव कांकाठेर में शराब मुक्त अभियान चलाने में गांव निवासी कलावती, यशोदा, ज्वाला देवी, ओमवती, रेखा रानी, यशोदा, भूरी देवी, राजेश्वरी, मुन्नी देवी, चंद्रकली, कस्तूरी देवी, भाग्यवती, मायादेवी, राजवती, अनीता, मंजो देवी समेत 30-35 महिलाएं शामिल रहीं। उनका कहना है कि अभियान बंद नहीं हुआ है। समय-समय पर गांव में घुमकर शराब के ठिकाने पर चेङ्क्षकग की जाती है।