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रामपुर नवाब के हथियारों की गिनती होगी अब वीडियोग्राफी की निगरानी में Rampur News

रामपुर जेएनएन। कोठी खासबाग की आर्मरी में रखे रामपुर नवाब के हथियारों की दूसरे दिन गिनती नहीं हो सकी। अब गिनती के दौरान वीडियोग्राफी कराई जाएगी।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 12:56 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 12:56 PM (IST)
रामपुर नवाब के हथियारों की गिनती होगी अब वीडियोग्राफी की निगरानी में Rampur News
रामपुर नवाब के हथियारों की गिनती होगी अब वीडियोग्राफी की निगरानी में Rampur News

रामपुर, जेएनएन। कोठी खासबाग की आर्मरी में रखे रामपुर नवाब के हथियारों की दूसरे दिन गिनती नहीं हो सकी। अब गिनती के दौरान वीडियोग्राफी कराई जाएगी। इसकी अनुमति जिला एवं सत्र न्यायधीश की अदालत ने दूसरे पक्ष की मांग पर दी है।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चल रही है संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रामपुर नवाब की संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए जिला जज ने एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किए हैं, जो संपत्ति का सर्वे और मूल्यांकन कर रहे हैं। इसमें अफसरों और कर्मचारियों का भी सहयोग लिया जा रहा है। सोमवार को डिप्टी कलक्टर मान ङ्क्षसह पुंडीर, सीओ विद्या किशोर, एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश सक्सेना, मुजम्मिल हुसैन व सौरभ सक्सेना कोठी खासबाग पहुंचे।

विदेश निर्मित हथियार सहित सोने और रत्न जडि़त तलवारें, चाकू मिले

उन्होंने यहां नवाबों की आर्मरी को खुलवाकर हथियारों की गिनती शुरू कराई थी। यहां अलमारियों और संदूकों में हजारों की संख्या में हथियार रखे हैं। इनमें लंदन, जर्मन, हालैंड, जापान, वाङ्क्षशगटन, अमेरिकन, स्पेन आदि विदेशी कंपनियों के बनी पिस्टल, रिवाल्वर, रायफल और बंदूकें हैं। इसके अलावा सोने और रत्न जडि़त तलवारें व चाकू भी मिले हैं। इनकी संख्या अधिक होने के चलते पहले दिन गिनती नहीं हो सकी।

कुछ पक्षकारों ने बिना वीडियोग्राफी के गिनती कराने पर एतराज जताया

कुछ पक्षकारों ने बिना वीडियोग्राफी के गिनती कराने पर एतराज जताते हुए कोर्ट में वीडियोग्राफी की अनुमति के लिए प्रार्थना पत्र दिया। जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश अलका श्रीवास्तव की अदालत ने वीडियोग्राफी की अनुमति दे दी है। पूर्व मंत्री नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि अदालत ने वीडियोग्राफी की मंजूरी दे दी है।

1972 से चल रही मुकदमेबाजी, एडवोकेट कमिश्नर कर रहे मूल्यांकन

नवाब की संपत्ति के बंटवारे को लेकर 1972 से मुकदमेबाजी चल रही थी। पांच माह पहले सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए। साथ ही बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी। जिला जज ने इसके लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर दिए हैं, जो अधिकारियों के साथ मिलकर संपत्ति का सर्वे और मूल्यांकन कर रहे हैं। इसके लिए दिसंबर 2020 तक का समय दिया गया है। 


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