सिस्टम ने फेरी निगाहें तो ग्रामीणों ने निभाई इंसानियत Amroha News
भुखमरी व बेरोजगारी के हालात में जैसे-तैसे घर पहुंच रहे मजदूरों से अफसरों ने फेरा मुंह रात-दिन मदद में जुटे रहे ग्रामीण
अमरोहा (सौरव प्रजापति) । गांव मोहम्मदपुर उर्फ सुल्तानठेर में हुए बिजली हादसे के बाद भले ही सरकारी सिस्टम ने प्रवासी मजदूरों से मुंह फेर लिया लेकिन, गांव के लोगों ने मानवता की मिसाल पेश की। रात में ही हादसे के बाद न सिर्फ घरों की महिलाओं से चूल्हे जलवाकर खाना बनवाया बल्कि अगले दिन सवेरा होने पर चाय से लेकर दोपहर में फिर खाना भी खिलाया।
सोमवार की रात जिला बदायूं के थाना मूसाझाग क्षेत्र के गांव गिधौला निवासी 70 लोग तीन कैंटरों में सवार होकर हरियाणा के जिला पंचकुला क्षेत्र के गांव चरनिया से लौट रहे थे। यह लोग वहां ईंट भट्ठे पर मजदूरी करते थे। गजरौला में पहुंचकर हाईवे से गांव मोहम्मदपुर उर्फ सुल्तानठेर से होते हुए बदायूं जाते वक्त गांव में विद्युत तार से एक कैंटर टकरा गया। उसमें सवार 29 में दस लोग गंभीर रूप से झुलस गए। बाकी मामूली थे।
खास बात है कि झुलस हुए लोगों को गांव से अस्पताल भेजकर निजाम के जिम्मेदारों ने डयूटी निभा ली लेकिन, बाकी के साठ प्रवासी मजदूरों के बारे में जरा भी न सोचा। जबकि उनमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग व्यक्ति भी शामिल थे। दुख की इस घड़ी में गांव के लोगों ने फरिश्तों का किरदार निभाया। अपने घरों की महिलाओं से रात में ही चूल्हे जलवाकर खाना बनवाया और प्रवासी मजदूरों को खिलाया। इतना ही नहीं रात पर उनकी व उनके सामान की हिफाजत में भी लगे रहे। मंगलवार को दिन निकला तो चाय पिलाई फिर दोपहर में खाना खिलाया। रात से लेकर अगले दिन शाम तक विपत्ति में घिरे मजदूर गांव में रहे लेकिन, किसी भी सरकारी कारिंदे ने एक बार भी पहुंचकर नहीं देखा। हालांकि शाम को वह लोग गांव के लोगों का शुक्रिया अदा करते हुए जाने की तैयारी में जुट गए।
एक को पुलिस ने लिया कब्जे में, दूसरे को लेकर चालक गायब
गांव मोहम्मदपुर में जिस कैंटर के साथ हादसा हुआ था। उसे तो पुलिस ने कब्जे में ले लिया लेकिन, अगले दिन सुबह होने पर दूसरे कैंटर का चालक सामान लेकर गायब हो गया। गांव के प्रधान रामशरण सिंह ने बताया कि प्रवासी मजदूरों का एक कैंटर चालक सामान लेकर गायब हो गया है। हालांकि चौकी प्रभारी पवन कुमार ने इसकी जानकारी होने से इन्कार किया है। उन्होंने बताया फिलहाल कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। एक कैंटर पुलिस हिरासत में है।
बिजली विभाग की लापरवाही से हुआ हादसा
बिजली विभाग की लापरवाही से ही मोहम्मदपुर सुल्तानठेर में बदायूं के मजदूरों के साथ हादसा हुआ था। हादसे से चेते विभाग ने रात में ही आपूॢत बंद करा दी। प्रभावित क्षेत्रों को वैकल्पिक व्यवस्था की विद्युतापूॢत दी जा रही है।सोमवार की रात साढ़े आठ बजे हरियाणा से तीन वाहनों में सवार 60-70 मजदूर हाईवे से शार्टकट गांवों के रास्ते होते हुए बदायूं जनपद स्थित घरों को लौट रहे थे। ख्यालीपुर ढाल से मजदूर सवार वाहन मोहम्मदपुर सुल्तानठेर से गुजर रहे थे तभी एचटी लाइन का झूलता विद्युत प्रवाहित तार एक वाहन से टकरा गया। इस हादसे में 20 मजदूर झुलस गए।
सूचना मिलते ही विभाग ने इस लाइन की आपूॢत बंद करा दी जो मंगलवार की शाम तक चालू नहीं की थी। ग्रामीणों का कहना है सड़क क्रास कर रही लाइन पर यदि सेफ्टी जाल बंधा होता तो शायद यह हादसा नहीं होता। अवर अभियंता विकास यादव ने बताया लाइन पुरानी थी। इससे गांव के कुछ हिस्से के लिए आपूॢत की जा रही थी। मंगलवार को वैकल्पिक व्यवस्था कर प्रभावित करीब 25 घरों की आपूॢत सुचारू कर दी गई है। साथ ही बताया कि लाइन की ऊंचाई मानक के अनुरूप है। पहले भी ग्रामीण लाइन के नीचे से गन्ना एवं भूसा लदे वाहन निकालते रहे हैं। बीती रात जिस वाहन के साथ हादसा हुआ उसमें सामान काफी ऊंचाई तक बंधा होने के कारण लाइन से टकराया था। इसमें विभाग का कोई दोष नहीं है।
नहीं मिली सरकारी मदद
ग्राम प्रधान मोहम्मदपुर रामशरण सिंह ने कहा कि हादसे के बाद से सभी प्रवासी मजदूर गांव में ही रुके हुए हैं। गांव के लोग ही उन्हेंं अपने घरों से खाना, चाय व बच्चों को दुध तक भी पिलवा रहे हैं। लेकिन, कोई भी सरकारी मदद नहीं की गई। न ही किसी अधिकारी व कर्मचारी ने गांव पहुंचकर जानकारी ली।
हादसे के बारे में नहीं थी जानकारी
गजरौला के बीडीओ सतेंद्र सिंह ने कहा कि इस हादसे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। प्रधान ने भी इस बारे में नहीं बताया है। अगर, वह लोग अभी भी गांव में रुके हुए हैं तो वह पता कराकर उनके खाने की व्यवस्था कराएंगे। इसके बारे में गांव के प्रधान व अन्य लोगों से बात की जाएगी।
हादसे के बाद मौके से नदारद रहे विभाग के कर्मचारी
गजरौला: मोहम्मदपुर सुल्तानठेर में हादसा होने के बावजूद विभाग का कोई कर्मी रात साढ़े दस बजे तक मौके पर नजर नहीं आया। वहीं जिम्मेदार अधिकारियों ने फोन रिसीव करने बंद कर दिए। अवर अभियंता विकास यादव का दावा है कि वह रात साढ़े नौ बजे मौके पर पहुंच गए थे। ग्रामीणों एवं अन्यों से बात करने के दौरान वह फोन रिसीव नहीं कर पा रहे थे।