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नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में लगी श्रद्धालुओं की कतार, घरों में हुई कलश स्थापना

शारदीय नवरात्र के पहले दिन शनिवार को सुबह से ही शहर से लेकर देहात तक मंदिरों में श्रद्धालुओंं की कतार लग गई। मंदिरों से लेकर घरों तक घट स्थापना हुई। महाशक्ति मांं दुर्गा की लोगों ने अराधना की। घरों में हवन-पूजन हुए।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 10:44 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 10:44 AM (IST)
नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में लगी श्रद्धालुओं की कतार, घरों में हुई कलश स्थापना
शहर से लेकर देहात तक मंदिरों में श्रद्धालुओंं की कतार लगीी

मुरादाबाद, जेएनएन। शारदीय नवरात्र के पहले दिन शनिवार को सुबह से ही शहर से लेकर देहात तक मंदिरों में श्रद्धालुओंं की कतार लग गई। मंदिरों से लेकर घरों तक कलश स्थापना हुई। महाशक्ति मांं दुर्गा की लोगों ने अराधना की। घरों में हवन-पूजन हुए। 

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चैत्र नवरात्र में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन होने के कारण मंदिर बंद थे। जिसके चलते लोगों ने घरों में रहकर पूजा अर्चना की थी। शरदीय नवरात्र में अनलॉक होने पर मंदिर खुले हैं। कोविड-19 के नियम दायरे में रहकर श्रद्धालु पूजा अर्चना करने मंदिरों में पहुंचे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर परिसर में शारीरिक दूरी बनाने को गोले बनाए हैं। वहीं सैनिटाइजेशन की मशीन भी लगाई गई है। मंदिरों में थर्मल स्क्रीनिंग के बाद श्रद्धालुओं को महाशक्ति के दर्शन के लिए प्रवेश दिया जा रहा है। लालबाग स्थित प्राचीन काली मंदिर मिश्रा का टीला, सिद्ध पीठ नौ देवियों का मंदिर लालबाग (नीचे), मनोकामना मंदिर, कोर्ट स्थित दुर्गा मंदिर, ऋण मुक्तेश्वर मंदिर खुशहालपुर समेत कई प्रमुख मंदिरों में कोविड-19 के नियमों का ध्यान रखा गया है। हालांकि, शनिवार श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने पर लंबी कतार लग गई। इस दौरान शारीरिक दूरी का पालन नहीं होते दिखा। 

सुबह छह बजे से शुरू हुई घट स्थापना

सुबह छह बजकर 23 मिनट से मंदिरों व घरों में घट स्थापना शुरू हुई। अभिजीत मूहूर्त 11:44 से सुबह 12:39 तक रहा, जो सबसे उत्तम माना जाता है। लालबाग स्थित प्राचीन काली मंदिर के प्रवेश द्वार सुबह पांच से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। मंदिर में दोपहर एक बजे और शाम को चार से रात दस बजे तक श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। मंदिर प्रबंधन की ओर से भीड़ को नियंत्रित करने को बल्लियां लगाई गई हैं। 

कोरोना संक्रमण से बचाव को किए गए यह इंतजाम

  • प्रमुख मंदिरों में शारीरिक दूरी के लिए गोले बनाए गए 
  • सैनिटाजेशन मशीन लगाई गई।
  • प्रसाद चढ़ाने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है।

महंत बोले 

मंदिर में सैनिटाइजेशन मशीन के साथ ही गोले भी बनाए गए हैं। बारी-बारी से ही दर्शन कराए जाएंगे। भक्तों से अपील है कि मंदिर में दर्शन करके जितनी जल्दी हो दूसरे बाहर निकलें।

राम गिरि, महंत, प्राचीन सिद्धपीठ नौ देवी काली मंदिर, लालबाग

सुबह छह बजे से विधि-विधान से घट स्थापना करें। लौंग, धूप, पान, सुपारी, रोली, चावल के साथ पूजा अर्चना करें। कोराना काल का ख्याल रखते हुए मंदिरों में बिना मास्क लगाए न जाएं।

पंडित पुरुषोत्तम सती, पीपल वाला मंदिर, दुर्गेश नगर


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