चन्दौसी और रामपुर मंडल के सबसे अधिक गंदे रेलवे स्टेशन
मुरादाबाद। रेलवे के स्व'छता सर्वे में मंडल का सबसे गंदा गंदे चन्दौसी और रामपुर के रेलवे स्टेशन हैं।
मुरादाबाद। रेलवे के स्वच्छता सर्वे में मुरादाबाद रेल मंडल फिसड्ड़ी साबित हुआ है। मंडल के सबसे गंदे रेलवे स्टेशन रामपुर व चन्दौसी हैं। सफाई के मामले में हरिद्वार स्टेशन बेहतर है, जिसने टॉप टेन में जगह बनाई है।
मई-जून में हुआ था सर्वे
भारतीय रेलवे देशभर के क्लास ए वन और क्लास ए स्टेशन का स्वच्छता सर्वे मई व जून माह में कराया गया था। मुरादाबाद रेल मंडल के क्लास ए वन में देहरादून, हरिद्वार, बरेली स्टेशन है। क्लास ए में मुरादाबाद, चन्दौसी, हरदोई, हापुड़, रुड़की, शाहजहापुर, रामपुर स्टेशन शामिल हैं। रेलवे ने इन स्टेशनों का ऑनलाइन सर्वे कराने के साथ-साथ एजेंसी से सर्वे कराया गया था। जिसमें स्टेशन पर आने वाले यात्रियों से सफाई के संबंध में राय मागी गई थी। सोमवार को रेलवे मंत्रालय ने सर्वे रिपोर्ट जारी की। सर्वे में यात्रियों ने कहा कि स्टेशन के प्लेटफामरें को चमकाने तक काफी नहीं है, प्लेटफार्म के नीचे गंदगी के कारण बदबू आती है। स्टेशन परिसर से निकलने वाले कूड़ा निस्तारण के लिए कोई व्यवस्था नहीं होती है। सरकुलेटिंग एरिया में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं होती है।
शौचालय की स्थिति ज्यादा खराब
शौचालय की सबसे अधिक खराब हालत है। सर्वे रिपोर्ट में मुरादाबाद रेल मंडल को द्वितीय जोन में रखा गया है। हरिद्वार स्टेशन जोन में टॉप टेन में शामिल किया गया है। मुरादाबाद स्टेशन सफाई के मामले में सुधार हुआ है, उसके बाद भी 135वें स्थान पर पहुंच गया है। रेल मंडल में चन्दौसी व रामपुर सबसे अधिक गंदा स्टेशन है। दोनों स्टेशन को क्त्रमश: 373 व 386 वा स्थान रहा। मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि स्वच्छता सर्वे रिपोर्ट मिल गई है।
दिसंबर तक नालों को एसटीपी से जोडऩे के आदेश
दिसंबर तक महानगर के नालों को सीवर ट्रीटमेंट प्लाट(एसटीपी) से जोड़ा जाएगा। कानपुर में सेमीनार में हिस्सा लेने गए जल निगम के अफसरों को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आदेश दिए हैं। मुरादाबाद में नाले एसटीपी की बजाय रामगंगा व गागन में गिर रहे हैं, जिससे नालों की गंदगी से रामगंगा प्रदूषित हो रही है। जल निगम के मुख्य अभियंता आरके शर्मा ने बताया कि सीवर हाउस कनेक्शन से इंद्रा कालोनी व गोविंद नगर को 15 अगस्त से जोड़कर एसटीपी में पानी ले जाया जाएगा। दिसंबर तक प्रथम फेस में बिछाई गई सीवर लाइन का पानी एसटीपी में जाने लगेगा। जिससे नालों की गंदगी रामगंगा में जाना बंद होगी।
स्वच्छ सर्वेक्षण में महानगर के लोगों का जीवन स्तर पीछे स्मार्ट सिटी में चयन होने के बाद मुरादाबाद में लोगों का जीवन स्तर सुधारने को स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग बहुत अच्छी नहीं है। सोमवार को शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी सूची में मुरादाबाद का नाम 88वें स्थान पर आया है। इसमें मुरादाबाद के लोगों का जीवन स्तर संतोषजनक नहीं पाया गया है। इस बार रैकिंग सिर्फ गंदगी नहीं बल्कि संस्थागत, सामाजिक, आर्थिक और बुनियादी सुविधाओं के आधार पर मिली है। बुनियादी सुविधाओं में ई-गर्वनेंस, शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति, सुरक्षा, कूड़ा प्रबंधन व सीवर प्रबंधन भी शामिल हैं। पाच महीने पहले केंद्र सरकार ने लोगों का जीवन स्तर सुधारने को गाइडलाइन जारी की थी।उत्तर भारत का टॉप-20 में चंडीगढ़ को छोड़कर किसी शहर का नाम नहीं आ सका। सीवर प्रबंधन व कूड़ा प्रबंधन में फिर पिछड़ा महानगर सीवर प्रबंधन व कूड़ा प्रबंधन में मुरादाबाद हर बार रैंकिंग में पिछडऩा पड़ रहा है। नगर निगम कूड़ा प्रबंधन के लिए घर-घर कूड़ा कलेक्शन शुरू नहीं करा पाया है और न ही तीन साल से बंद पड़े सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लाट को चालू करा पाया। महानगर में वातानुकूलित शौचालय बनाए गए हैं, लेकिन दूसरे शौचालयों की हालत देखें तो गंदगी की भरमार है। महापौर विनोद अग्रवाल कहते हैं स्वच्छता सर्वेक्षण में जीवन स्तर सुधारने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। चौथे चरण में स्मार्ट सिटी में चयन हुआ है। अब काम होने शुरू होंगे, इसके बाद जीवन स्तर में सुधार नजर आएगा।