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शहर भूकंप के खतरनाक जोन फोर में फिर भी स्मार्ट सिटी में भी नहीं किए प्रावधान

देश के कई राज्यों में भूकंप के तेज झटका मुरादाबाद के लिए सबक है। इसके बाद भी यहां पर भवन निर्माण के दौरान भूकंप से बचाव का पालन नहीं किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 01:08 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 01:49 PM (IST)
शहर भूकंप के खतरनाक जोन फोर में फिर भी स्मार्ट सिटी में भी नहीं किए प्रावधान
शहर भूकंप के खतरनाक जोन फोर में फिर भी स्मार्ट सिटी में भी नहीं किए प्रावधान

मुरादाबाद : देश के कई राज्यों में भूकंप के तेज झटका मुरादाबाद के लिए सबक है। हमारा शहर भूकंप केखतरनाक जोन-4 में है लेकिन नेशनल बिल्डिंग कोड कोई पालन नहीं कर रहा है। स्मार्ट सिटी के 22 अरब 26 करोड़ रुपये के प्रपोजल में भूकंप से बचाव को कोई प्रावधान नहीं किए गए हैं। स्मार्ट सिटी में जीवन स्तर सुधारने को इसे भी अनिवार्य रूप से लागू करने का प्रावधान होना चाहिए था।

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नगर निगम प्रशासन स्वयं नहीं स्पष्ट

नगर निगम की मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाई जाएगी लेकिन इसमें भूकंपरोधी मानक अपनाए जाएंगे कि नहीं इसको लेकर नगर निगम प्रशासन स्वयं स्पष्ट नहीं है लेकिन यह तो तय है कि इस पार्किंग में विशेष रूप से भूकंप रोधी मानकों का ख्याल रखने को मल्टी स्टोरी पार्किंग का प्रावधान फिलहाल नहीं है लेकिन डीपीआर बनाते वक्त इसका ध्यान रखने से अफसर इन्कार नहीं कर रहे हैं। कुछ ऐसा प्लान उन विभागों का स्मार्ट सिटी में शामिल नहीं किया गया है, जिनके ऊपर ऊंचे भवनों का नक्शा पास करने की जिम्मेदारी है।

नए भवनों में भूकंपरोधी मानकों का नहीं रखा गया ध्यान

महानगर में 12 की आबादी है लेकिन इस आबादी में पुराने से लेकर नए भवनों में भूकंपरोधी मानकों का ध्यान कोई नहीं रख रहा है। नगर निगम अफसरों की मानें तो स्मार्ट सिटी में मल्टी स्टोरी पार्किंग के अलावा कोई ऊंचा भवन प्रस्तावित नहीं है।

इन कारणों से आता है भूकंप

भूकंप की दृष्टि से हिमालय पर्वत वाला क्षेत्र सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है। यहा पर अक्सर पहाड़ों की प्लेट में घर्षण होने से प्लेटें आपस में टकराकर अपनी जगह से खिसकती हैं। भारतीय प्लेट का यूरेशियन प्लेट के साथ टकराव हो रहा है। इस कारण भूकंप आने की हमेशा सम्भावनाएं रहती हैं और जानमाल का नुकसान होता है।

जापान की तरह भूकंप रोधी भवन बनाना अनिवार्य करना चाहिए

पहाड़ों के अंदर प्लेट होती हैं। जिनकेआपस में टकराने से भूकंप आता है। इससे बचने के लिए जापान की तरह भूकंपरोधी भवन बनाना अनिवार्य करना चाहिए। सी, एल, क्रांस व फ्रेम ढाचा भवन बनाने चाहिए। डॉ.योगेंद्र सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, केजीके कालेज

डीपीआर बनाते वक्त नेशनल बिल्डिंग कोड का रखा जाए ध्यान

स्मार्ट सिटी में ऊंचे भवन बनाने का प्रावधान ही नहीं है। एक मल्टी स्टोरी पार्किंग है तो उसकी डीपीआर बनाते वक्त नेशनल बिल्डिंग कोड का ध्यान रखा जाएगा। टीएन मिश्रा, स्मार्ट सिटी प्रभारी

नियमों का पूरी तरह किया जाता है पालन

भूकंप से बचने के लिए लोक निर्माण विभाग रुफ बैंड्स, पुल और बिल्डिंग के फाउंडेशन और कॉलम स्ट्रक्चर पर ध्यान देता है। सरिए के इस्तेमाल से सीमेंटेड कंक्रीट से ढलाई की जाती है। निर्माण के समय पूरी तरह भूकंपरोधी नियमों का पालन किया जाता है।

देवेश कुमार तिवारी, अधीक्षण अभियंता, लोक निर्माण विभाग


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