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मुरादाबाद की बेट‍ियां बोलीं, केवल पढ़ाई के लिए हो मोबाइल का इस्तेमाल, माता-प‍िता का न तोड़ें भरोसा

आधुनिक युग और कोरोना महामारी की वजह से इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल जरूरत में शामिल हो गया है। ऑनलाइन क्लास हो या फिर मीटिंग बेटियों के लिए मोबाइल जरूरी है। लेेकिन चंद युवतियों की वजह से सभी पर अंगुली उठती है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 07:43 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 07:43 AM (IST)
मुरादाबाद की बेट‍ियां बोलीं, केवल पढ़ाई के लिए हो मोबाइल का इस्तेमाल, माता-प‍िता का न तोड़ें भरोसा
ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल की पड़ती है जरूरत।

मुरादाबाद, जेएनएन। आधुनिक युग और कोरोना महामारी की वजह से इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल जरूरत में शामिल हो गया है। ऑनलाइन क्लास हो या फिर मीटिंग बेटियों के लिए मोबाइल जरूरी है। लेेकिन, चंद युवतियों की वजह से सभी पर अंगुली उठती है। इसका ये मतलब बिलकुल नहीं है कि सभी गलत हैं। अपने भविष्य और माता-पिता के सम्मान के लिए बेटियां हर क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। आज केे दौर में हर एक को पता है कि वो क्या कर रहा है।

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मोबाइल आज के दौर में बेटियाें के लिए कितना जरूरी है ये सवाल जब बेटियों से किया गया तो सबका कहना था कि जरूरत के मुताबिक इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल होना जरूरी है। यह नहीं माना जा सकता कि अगर लड़कियों के पास मोबाइल है तो उसका दुरुपयोग ही होगा। दूसरा बेटियां जब घर से बाहर निकलती हैं तो हर माता-पिता को चिंता होती है। ऐसे में मोबाइल से उनकी जानकारी रहती है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी ने लड़कियों को मोबाइल नहीं दिए जाने का बयान दिया था। बयान के साथ उन्होंने मोबाइल नहीं दिए जाने के लिए जो तर्क दिए थे, वह किसी के गले नहीं उतरते। उन्होंने कहा था कि मोबाइल के कारण लड़कियां घर से भागती हैं। हालांकि मामला तूल पकड़ने पर उन्होंने उन्होंने बयान से पल्ला झाड़ लिया था।

ये बोलीं युवतियां

मोबाइल का इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन, जो 18 साल से ऊपर हो। बिना जरूरत मोबाइल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे मां-बाप को परेशानी होती है।

शीतल शर्मा, विकास नगर लाइनपार

आधुनिक युग में मोबाइल इस्तेमाल करना जरूरी है। लेकिन, इस बात का भी ध्यान रखें कि फालतू बातें जहन में न रहें। पढ़ाई के ताल्लुक से मोबाइल इस्तेमाल करें।

मोनिका, मिलन विहार

मोबाइल का इस्तेमाल पॉजिटिव कर सकते है। पढ़ाई के ताल्लुक से मोबाइल का इस्तेमाल करें। इसके अलावा चैटिंग वगैरह अन्य चीजें इस्तेमाल करने से परिवार के लोगों का भरोसा टूटता है।

इकरा वसीम, दर्जियान मुहल्ला

जिस बेटी को मां-बाप कई साल तक पालते-पोसते हैं। वो चंद दिन के मोबाइल फ्रेंड के चक्कर में आकर उन्हें छोड़कर चली जाती है। इसलिए लड़कियों के हाथ में मोबाइल नहीं होना चाहिए।

नेहा, जयंतीपुर


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