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MDA News : सेवा समाप्ति के बाद अधिकारी के सामने रोया संव‍िदा कर्मी, जेल भेजने की म‍िली धमकी तो खा ल‍िया जहर

MDA Contract worker ate Poison नया मुरादाबाद स्थित मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के दफ्तर में कार्यरत एक कर्मचारी ने जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। जानकारी होने पर स्वजन ने पहले निजी अस्पताल में भर्ती कराया। पर‍िवार ने गंभीर आरोप अधिकार‍ियों पर लगाए हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 01:15 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 01:15 PM (IST)
MDA News : सेवा समाप्ति के बाद अधिकारी के सामने रोया संव‍िदा कर्मी, जेल भेजने की म‍िली धमकी तो खा ल‍िया जहर
- तीन कंप्यूटर आपरेटरों की एमडीए अधिकारियों ने सेवाएं की समाप्त।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। MDA Contract worker ate Poison : मझोला थाना क्षेत्र के नया मुरादाबाद स्थित मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के दफ्तर में कार्यरत एक कर्मचारी ने जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। जानकारी होने पर स्वजन ने पहले निजी अस्पताल में भर्ती कराया, यहां पर डाक्टरों ने हालत गंभीर होने पर मेरठ मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। स्वजन के मुताबिक संविदा कर्मचारी की हालत गंभीर बनी हुई है। उसे गहन चिकित्सा निगरानी में रखा गया है।

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सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के नवीन नगर निवासी नवल किशोर एमडीए दफ्तर में संविदा पर कंप्यूटर आपरेटर के पद पर कार्यरत था। वह बीते 12 सालों से एमडीए कार्यालय में काम कर रहा था। सात लोगों का परिवार नवल पर आश्रित है। परिवार में पत्नी बबीता दो बेटियां और एक बेटा है। स्वजन के मुताबिक तीन दिन पहले एमडीए कार्यालय के अधिकारियों ने उसकी सेवा समाप्त कर दी थी। इसके बाद से वह तनाव में रहने लगा था। आरोप है कि मंगलवार को नवल किशोर दफ्तर गया था। वहां पर उसने रोते हुए एक अधिकारी से नौकरी में वापस लेने की गुहार लगाई थी। अधिकारियों ने उल्टे उसे जेल भेजने की धमकी दे डाली। घर लौटकर उसने खाना भी नहीं खाया और सीधे कमरे में सोने चला गया। इसके बाद रात करीब नौ बजे उसने कमरे में जाकर जहरीला पदार्थ खा लिया। कुछ देर बाद उसे उल्टियां होने लगी। तबीयत बिगड़ने का कारण पूछा, तब उसने जहरीला पदार्थ खाने की बात को स्वीकार की। जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालात बिगड़ने पर उसे मेरठ रेफर कर दिया।

तीन आपरेटरों को एमडीए अधिकारियों ने निकाला : एमडीए के अधिकारियों ने कार्यालय में कार्यरत तीन कंप्‍यूटर आपरेटरों की सेवा समाप्त की है। इसमें नवल किशोर के साथ ही रियासत और वारिश भी शामिल हैं। सभी दस से 12 सालों से काम कर रहे थे। अचानक निकाले जाने से कर्मचारी भूखमरी की कगार में आ गए। वहीं, अधिकारी इन कर्मचारियों की बात तक सुनने को तैयार नहीं हैं। एमडीए कार्यालय में लगभग 20 कर्मचारी संविदा में कार्यरत हैं। एक साल पहले भी तत्कालीन प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने सभी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी थी। इस दौरान कर्मचारियों ने 21 दिनों तक आंदोलन किया था। जिसके बाद कर्मचारियों को वापस काम पर लिया गया था।

जहरीला पदार्थ खाने से पहले लिखा पत्र : कंप्यूटर आपरेटर ने जहरीला पदार्थ खाने से पहले एक पत्र लिखा था। आरोप है कि इस पत्र में एमडीए अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं। हालांकि, इस पत्र के बारे में अभी परिवार के सदस्य कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं। वहीं, जहरीला पदार्थ खाने की सूचना मिलते ही एमडीए अधिकारी मामले को दबाने में जुट गए थे। इस दौरान परिवार के लोगों को भी किसी प्रकार की कोई जानकारी न देने का दबाव बनाया जा रहा है।

घटना के बाद कार्रवाई से पलट गए अधिकारी : एमडीए के कंप्‍यूटर आपरेटर के द्वारा जहरीला पदार्थ खाने की सूचना लगने पर अफसरों में खलबली मच गई। अधिकारी इस मामले को दबाने के लिए प्रयास करने लगे थे। इस मामले में प्राधिकरण सचिव सर्वेश कुमार गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा किसी कर्मचारी को हटाया नहीं गया। संविदा कर्मचारी के जहर खाने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पारिवारिक कारण के चलते उसने जहर खाया हो। लेकिन, इस घटना के बाद एमडीए के अफसर देर शाम तक कर्मचारियों को समायोजित करने के साथ ही समाधान करने के लिए जुटे रहे। वहीं, संगठन के पदाधिकारियों पर भी मामले को दबाने के लिए दबाव बनाते रहे। ताकि एमडीए अफसराें की छवि पर कोई असर न पड़े।

इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं हैं। किसने जहर खाया और क्यों खाया इस बात की जानकारी कराई जा रही है।

मधुसूदन हुल्गी, उपाध्यक्ष, एमडीए

कर्मचारियों का लगातार शोषण किया जा रहा है। सरकार रोजगार देने की बात कह रही है, जबकि अधिकारी कर्मचारियों को बेरोजगार करने का काम कर रहे हैं। नौकरी जाने के कारण पीड़ित कर्मचारी ने जहर खाकर जान देने का प्रयास किया है। इस मामले का संज्ञान लेकर कर्मचारियों के हितों में निर्णय लिया जाएगा। कर्मचारियों को उनके हक से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर आंदोलन किया जाएगा।

वृंदावन दोहरे, प्रांतीय महामंत्री, उत्तर प्रदेश प्राधिकरण कर्मचारी संघ 


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