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Sambhal News: 50 हजार रुपये के लिए चोरी किया था बच्चा, दिल्‍ली में बेचने की थी तैयारी, दंपती समेत चार गिरफ्तार

Child thief gang in Sambhal बहजोई कार्यालय पर घटनाक पर्दाफाश करते हुए पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने बताया कि कैलादेवी थाना क्षेत्र के गांव सैमला में 21 सितंबर की रात को नानकराम पुत्र मटरु के 45 दिन के बच्चे को उस वक्त चोरी कर लिया गया था।

By JagranEdited By: Vivek BajpaiPublished: Sat, 24 Sep 2022 07:38 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 07:38 PM (IST)
Sambhal News: 50 हजार रुपये के लिए चोरी किया था बच्चा, दिल्‍ली में बेचने की थी तैयारी, दंपती समेत चार गिरफ्तार
Child thief gang in Sambhal: बच्‍चा चोर गिरोह की गिरफ्तारी के बाद घटना का राजफाश करते एसपी चक्रेश मिश्र। जागरण

संभल, जागरण संवाददाता। Child thief gang in Sambhal: कैलादेवी थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव के जंगल में झोपड़ी से गायब हुए डेढ़ माह के बच्चे को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया। साथ ही इस को चोरी करने में शामिल एक दंपती समेत चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। बच्चे को दिल्ली में बेचने की तैयारी थी, जहां एक युवक ने स्वयं के भाई को नि:संतान बताते हुए 50 हजार रुपये में बच्‍चा खरीदने की बात कही थी।

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बहजोई कार्यालय पर घटनाक पर्दाफाश करते हुए पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने बताया कि कैलादेवी थाना क्षेत्र के गांव सैमला में 21 सितंबर की रात को नानकराम पुत्र मटरु के 45 दिन के बच्चे को उस वक्त चोरी कर लिया गया था उनकी पत्नी सविता अपने तीन बच्चों के साथ जंगल में बनी झोपड़ी में सो रही थी।

24 घंटे नहीं हाथ लगा था कोई सुराग

रात करीब 12 बजे सविता की आंख खुली तो उसने देखा कि डेढ़ माह का बच्चा भूरा वहां से गायब था। जब उसे नहीं दिखाई दिया तो उसने अपने पति को जगाया और शोर मचा दिया। गांव के लोग भी एकत्रित होकर बच्चे की तलाश करने लगे थे। उधर पुलिस ने बच्चे की तलाश के लिए जगह जगह पर दबिश दी लेकिन, 24 घंटे तक कोई सुराग नहीं लगा।

बच्‍चा चोर निकले गांव के ही दंपती

इसी दौरान गांव के ही सुरेश कुमार पर कुछ लोगों ने शक जताया तो उसके नंबर को ट्रेस किया गया। जिसके बाद उसकी गतिविधियों को पररखते हुए पुलिस ने तीसरे दिन बच्चे को सकुशल बरामद करते हुए सुरेश और उसकी पत्नी मुन्नी देवी निवासी गांव सैमला को अतरासी गांव से राजवीर के घर से गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में उसने बताया कि निकट के गांव अतरासी का रहने वाला मित्र राजवीर जो कि दिल्ली आता जाता रहता है, उसका संपर्क नई दिल्ली के न्यू मोती नगर के प्रेमचंद से हुआ था। उसने अपने निसंतान भाई के लिए एक बच्चे की मांग की थी और बदले में 50 हजार रुपये देने का वादा किया था। इसलिए सुरेश ने सुरेश ने पत्‍नी के साथ मिलकर बच्‍चा चुराया। पुलिस ने दंपती के साथ ही राजवीर और प्रेमचंद को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 

एक फोन काल ने फंसाया

पुलिस के अनुसार सुरेश ने जैसे ही बच्चा चोरी किया तो वह उसे लेकर अपने कई रिश्तेदारों के घर भी पहुंचा था। उसने बताया कि इसका इलाज कराना है। हालांकि कहीं भी ज्यादा नहीं रुका और दो दिन की गतिविधियों में वह एक रात जंगल में रुका हुआ था। अधिक बारिश होने के चलते एक नलकूप पर पहुंच गया और जल्द से जल्द बच्चा दिल्ली भेजने की तैयारी में जुट गया। अपना फोन आन करके दिल्ली फोन किया। इसके बाद पुलिस ने उसे ट्रेस करते हुए दबोच लिया। 

सुरेश ने गांव में की थी बच्चा गोद दिलाने की चर्चा

बच्चा चोरी की वारदात का पर्दाफाश करना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती था क्योंकि सभी लोग जंगल में झोपड़ी से गायब हुए बच्चे को किसी जंगली जानवर के हमला करने या उठा ले जाने का अंदेशा जता रहे थे। बच्चा चोरी होने की अफवाहों के बीच पुलिस के हाथ 24 घंटे तक खाली थे। हालांकि पुलिस ने जब गांव में कुछ लोगों से पूछताछ की तो बताया गया कि कुछ दिन पूर्व सुरेश ने कुछ ग्रामीण से बच्चे की मांग की थी। किसी को गोद दिलवाने की चर्चा कर रहा था। जिसके बाद पुलिस को उस पर शक हुआ। उसकी निगरानी शुरू हुई और वह गिरफ्त में आ गया। 


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