मुरादाबाद के मेयर और तीन पार्षद समेत 11 पर दर्ज होगा मुकदमा, जानिए क्या है मामला
पार्षद के उपचुनाव में 14 जनवरी 2020 को लाइनपार में हुआ था विवाद। सीजेएम कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने के साथ ही साक्ष्य प्रस्तुत करने के दिए आदेश।
मुरादाबाद, जेएनएन। नगर निगम पार्षद पद के उपचुनाव में वोटिंग के दौरान हुए विवाद को लेकर सीजेएम कोर्ट ने मझोला थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इस मुकदमे मेयर विनोद अग्रवाल और तीन पार्षदों के साथ ही कुल 11 लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया है।
सीजेएम कोर्ट ने धारा 156 (3) के तहत यह मुकदमा दर्ज करने के साथ ही साक्ष्य प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मोहन गुप्ता ने बताया कि 14 जनवरी 2020 को मझोला थाना क्षेत्र के वार्ड 37 में नगर निगम पार्षद पद के रिक्त पद उपचुनाव के लिए मतदान हो रहा था। उस दिन दोपहर करीब तीन बजे शांति देवी मेमोरियल स्कूल में बनाए गए बूथ में भाजपा पदाधिकारियों के द्वारा मतदाताओं को मतदान से रोकने की सूचना मिली। जिस पर कांग्रेस कार्यकर्ता अनुराग शर्मा मौके पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने देखा कि महापौर विनोद अग्रवाल, पार्षद दीपक सैनी, पार्षद अजय दिवाकर, पार्षद राजेश गुप्ता के साथ भाजपा के अन्य नेता पुलिस पर दबाव बनाकर मतदाताओं को बूथ के अंदर जाने से रोक रहे थे। इस पर वादी ने वहां मौजूद लोगों का वीडियो बनाना शुरू कर दिया। वीडियो बनाता देखकर महापौर ने अपने कार्यकर्ताओं से वादी को मारने और मोबाइल छीनने के लिए उकसाया। महापौर के कहने पर उक्त तीनों पार्षदों के साथ ही मनमोहन सैनी, संजीव चौहान, भोजेन्द्र कुमार, मुकेश राघव, सूर्यप्रकाश सिंह, दिनेश सिसौदिया, बंटी के साथ अन्य 15 से 20 लोगों ने मोबाइल छीनने के साथ ही मारपीट शुरू कर दी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने उसकी जेब में रखे पैसे भी जबरन निकाल लिए। मौके पर मौजूद कांग्रेस के पदाधिकारियों ने किसी तरह पीड़ित को बचाया। इस मामले में मझोला थाना पुलिस में जब तहरीर दी गई तो कोई मुकदमा नहीं दर्ज किया गया, वहीं सत्ताधारी दल के दबाव में पीड़ित के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया। अधिवक्ता के मुताबिक शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद मझोला थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के साथ ही साक्ष्य प्रस्तुत करने के आदेश दिया है।