जुर्माने की रकम सुनकर व्यापारी को आ गया था हार्ट अटैक, वाणिज्यकर विभाग की टीमें करती हैं खेल
2020 में एक व्यापारी का माल पकड़ा गया था। उसपर अधिक जुर्माना लगने की जानकारी हुई। वह जब कार्यालय पहुंचा तो यह रकम 10 लाख कर दी गई। इतना सुनने के बाद अधिकारी के कार्यलय में ही व्यापारी को हार्ट अटैक पड़ गया था।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। वाणिज्यकर विभाग में सचल दल की कार्यप्रणाली हमेशा से संदेह के घेरे में रही है। वाणिज्य कर विभाग ने कई ऐसे मुखबिर रखे हुए हैं जो, व्यापारियों के माल की जानकारी देते हैं। जानकारी के आधार पर वाहन को रोक लिया जाता है। अगर बीच के व्यक्ति के माध्यम से सचल दल टीम की बात हो गई तो उस पर जुर्माना कम लगता है। बात नहीं होने पर पूरा जुर्माना लगा दिया जाता है। इसके बाद वह व्यापारी या तो माल छोड़ देता है या फिर कार्यालय के चक्कर काटता हुआ नजर आता है।
2020 में एक व्यापारी का माल पकड़ा गया था। उसपर अधिक जुर्माना लगने की जानकारी हुई। वह जब कार्यालय पहुंचा तो यह रकम 10 लाख कर दी गई। इतना सुनने के बाद अधिकारी के कार्यलय में ही व्यापारी को हार्ट अटैक पड़ गया था। उन्हें कांठ रोड के कासमास अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस मामले की शिकायत भी अधिवक्ताओं ने गोपनीय ढंग से शासन से की थी।
सैनिटाइजेशन व वैरीकेडिंग में तेजी के निर्देश : कोरोना संक्रमण के केस बढ़ने से नगर निगम ने भी टीमों को सक्रिय कर दिया है। पूर्व की भांति टीमें सीएमओ कार्यालय से मिलने वाली सूची के आधार पर सैनिटाइजेशन किया जा रहा है। इसके अलावा कोरोना संक्रमितों की गलियों में बेरिकेडिंग भी की जा रही है। सिविल लाइंस क्षेत्र में बेरिकेडिंग की गई। इधर, जिला बेसिक शिक्षा के लेखा विभाग में एक कर्मचारी कोरोना पाजिटिव निकलने पर सर्तकता बरती गई। इसके चलते लेखा विभाग शुक्रवार को बंद रखा गया। नगर निगम सैनिटाइजेशन के टैंकर व छोटी मशीनों की टीमों को पहले की तरह जिम्मेदारी सौंप दी है। अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह ने बताया कि सैनिटाइजेशन करने वाली टीमों की रोजाना रिपोर्ट ली जाएगी। साथ ही तेजी से रोजाना अधिक से अधिक कोरोना संक्रमितों के घरों को सैनिटाइज करने के निर्देश दिए हैं।