आतंकी प्रकरण: वेस्ट यूपी के कई जिलों में खुफिया एजेंसी कर सकती हैं बड़ी कार्रवाई Moradabad News
नोएडा से बरेली तक मददगारों की तलाश। सोशल मीडिया पर भी है खुफिया एजेंसियों की पैनी नजर। पश्चिमी यूपी के कई जिलों में हो सकती है बड़ी कार्रवाई।
अमरोहा (आसिफ अली)। पहले बरेली में संदिग्ध इनामुल का पकड़ा जाना और बाद में जम्मू कश्मीर से सलमान वानी की गिरफ्तारी पश्चिमी यूपी की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर रही है। सलमान वानी बागपत में पढ़ा है तथा नोएडा भी उसका आना-जाना था। बरेली में इनामुल से उसका संपर्क था। इस दौरान खुफिया एजेंसी इन जिलों के बीच में पडऩे वाले जिलों में उनके मददगारों की तलाश में जुट गई है। सूत्र बताते हैं कि सलमान व इनामुल कहां जाते थे, किस से मिलते थे, उनके संपर्क में कौन-कौन हैं समेत सभी ङ्क्षबदुओं को समेट कर जांच शुरू कर दी गई है। जानकारी मिली है कि कुछ लोगों ने उन्हेंं आने-जाने के लिए कार भी मुहैया कराई थी
आतंकवाद को लेकर चर्चा में है पश्चिमी यूपी
एक बार फिर से पश्चिमी यूपी आतंकवाद को लेकर चर्चा में है। आतंकी संगठनों द्वारा यहां के युवकों को जेहाद के नाम पर बरगला कर अपने साथ जोडऩे के मामले में अब तक कई खुलासे हो चुके हैं।मौजूदा हालात में संदिग्ध इनामुल की गिरफ्तारी व मंगलवार को मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा से हन्नान को हिरासत में लिया जाना इसे पुख्ता कर रहा है। हालांकि इनसे पूछताछ जारी है, लेकिन खुफिया एजेंसियों का वेस्ट यूपी में सक्रिय होना संकेत दे रहा है कि यहां स्लीङ्क्षपग मॉड्यूल सक्रिय हैं। आतंकी जाकिर मूसा के करीबी सलमान वानी की गिरफ्तारी के बाद मिले इनपुट से आतंकियों के मददगारों की तलाश तेज कर दी गई है। सूत्र बताते हैं कि सलमान वानी बागपत में पढ़ाई कर चुका है तथा उसका आना जाना नोएडा भी रहा है। ऐसे में वह बरेली निवासी इनामुल के संपर्क में कैसे आया इसकी पड़ताल तेज हो गई है।
पहले बागपत फिर नोएडा तथा उसके बाद बरेली से उसके लिंक को तलाश किया जा रहा है। सलमान व इनामुल के संपर्क में आने वाले अन्य जिलों के कितने युवक हैं उनका पता लगाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक सलमान ने इस दौरान एक कार भी इस्तेमाल की थी। वह कार किसकी थी तथा वह बागपत, नोएडा के साथ हाइवे पर पडऩे वाले जिलों में कहां रुका था, इसकी भी पड़ताल की जा रही है। बताया जा रहा है कि जल्दी ही वेस्ट यूपी के कई जिलों में खुफिया एजेंसी बड़ी कार्रवाई कर सकती हैं।
सोशल मीडिया से जोड़ते हैं तार
अमरोहा: एटीएस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि आतंकी संगठन अपना नेटवर्क मजबूत करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। धर्म के नाम पर युवकों का माइंड वाश कर उन्हेंं जेहाद के लिए प्रेरित कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों को अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक स्लीङ्क्षपग माड्यूल के रूप में वही युवक काम कर रहे हैं जो धाॢमक प्रवृत्ति के हैं तथा पढ़े-लिखे भी हैं। आतंकी संगठन सोशल मीडिया के माध्यम से ही ऐसे युवकों से संपर्क करते हैं।