Terrorist activities in west UP : पाकिस्तान और बांग्लादेश से जुड़े पउप्र के 42 सोशल मीडिया अकाउंट की निगरानी
डाटा जुटाकर बंद किए जाएंगे संदिग्ध अकाउंट। पकड़े गए अलकायदा के संदिग्ध आतंकियों के फेसबुक अकाउंट से खुला राज। मामले में सरकार खुद अकाउंट की निगरानी करा रही है। खुफिया एजेंसियां तेजी से सक्रिय हैं। हर संदिग्ध पर नजर रखी जा रही है।
अमरोहा (आसिफ अली)। देश में अलकायदा के नए नेटवर्क का पर्दाफाश होने के बाद पश्चिमी उप्र में भी आतंकी गतिविधियों को लेकर सरगर्मी बढ़ गई हैं। चूंकि आतंकी संगठन युवकों को बरगलाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। लिहाजा खुफिया एजेंसी अब तमाम सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रख रही है। सूत्रों के मुताबिक पश्चिमी यूपी के 42 सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखी जा रही है। इन अकाउंट को चलाने वाले लोग पाकिस्तान व बंग्लादेश के लोगों के संपर्क में हैं। इनकी निगरानी केंद्र सरकार खुद करा रही है। इन अकाउंट से डाटा जुटा कर बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। आतंकी गतिविधियों को लेकर पश्चिमी यूपी एक बार फिर खुफिया एजेंसियों के निशाने पर है। सोशल मीडिया के जरिए अपना नेटवर्क मजबूत करने में जुटे आतंकी संगठनों के मंसूबे ध्वस्त करने के लिए एजेंसिया सक्रिय हो गई हैं। पश्चिमी बंगाल में पकड़े गए अलकायदा के संदिग्ध आतंकियों के संपर्क सोशल मीडिया के जरिये मुरादाबाद मंडल से होने की पुष्टि के बाद यहां निगरानी बढा दी गई है। एनआइए से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पकड़े गए संदिग्ध आतंकियों के फेसबुक अकाउंट के माध्यम से दिल्ली स्थित फोरेंसिक लैब में विशेषज्ञ अन्य एकाउंट की कुंडली खंगाल रहे हैं। अभी तक अकेले पश्चिमी उप्र के 42 फेसबुक अकाउंट ऐसे सामने आए हैं जिनका संपर्क पाकिस्तान व बंग्लादेश के संदिग्धों से हैं। केंद्र सरकार इनकी निगरानी करा रही है। सभी संदिग्ध अकाउंट से डाटा जुटा कर उन्हें बंद करने के निर्देश भी दिए गए हैं। एनआइए, एटीएस व एसटीएफ सोशल मीडिया के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उन शिक्षण संस्थानों की निगरानी भी कर रही हैं जहां विदेशी छात्र पढ़ते हैं। उनका भी डाटा जुटाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक सोशल मीडिया के माध्यम से सक्रिय स्लीपिंग मॉड्यूल को ध्वस्त करने की पूरी तैयारी है। दावा किया जा रहा है कि जल्दी ही पश्चिमी यूपी में खुफिया एजेंसी बड़ी कार्रवाई कर सकती हैं।
मोबाइल कंपनियों से भी डाटा मांगा
पश्चिमी यूपी में फैले स्लीपिंग मॉड्यूल तक पहुंचने के लिए खुफिया एजेंसी पुख्ता सबूत जुटाने में लगी हैं। इस क्रम में सोशल मीडिया के साथ ही कुछ मोबाइल कंपनियों से भी डाटा जुटाया जा रहा है। पाकिस्तान व बंग्लादेश से कितने लोग मोबाइल के माध्यम से संपर्क में हैं उनका पता लगाया जा रहा है। जिसके सहारे प्रदेश में छिपे दहशतगर्दों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।