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Ten Signs Festival : पर्यूषण पर्व के तहत बताया गया उत्तम तप धर्म और धूप खेवन का महत्व

Ten Signs Festival of Jain Society टीएमयू में पर्यूषण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म के संग-संग सुगंध दशमी - धूप खेवन के महत्व को बताया गया। सम्मेद शिखर से आए ऋषभ जैन ने कहानी के जरिए बताया कि एक राजकुमारी के शरीर से बहुत बदबू आती थी।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 03:46 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 03:46 PM (IST)
Ten Signs Festival : पर्यूषण पर्व के तहत बताया गया उत्तम तप धर्म और धूप खेवन का महत्व
रामपुर के बिलासपुर के श्री दिगंबर जैन मंदिर में पूजा-अर्चना करते श्रद्धालु।

मुरादाबाद, जेएनएन। Ten Signs Festival of Jain Society : टीएमयू में पर्यूषण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म के संग-संग सुगंध दशमी - धूप खेवन के महत्व को बताया गया। सम्मेद शिखर से आए प्रतिष्ठाचार्य ऋषभ जैन ने कहानी के जरिए बताया कि एक राजकुमारी के शरीर से बहुत बदबू आती थी, जिसने अलग-अलग योनि मे जन्म लिया था, जैसे शूकर-कूकर आदि फिर मुनि से राजकुमारी ने पूछा कि इस बदबू से कैसे निजात पाई जाए, तब उसे मुनि ने बताया कि तुमने पिछले भव में मुनि की निंदा की थी, जिस कारण तुम्हारे शरीर से बदबू आती है।

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तुम इससे निजात पाने के लिए प्रभु के सामने धूप का खेवन करो, राजकुमारी ने धूप खेवन की और उसे उस बदबू से निजात मिल गयी। उत्तम तप धर्म के दिन प्रथम स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य अविचल जैन, द्वितीय स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य तनिश जैन, तृतीय स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य अक्षत जैन, चतुर्थ स्वर्ण कलश से वैभव जैन को प्राप्त हुआए जबकि प्रथम स्वर्ण कलश से शांतिधारा करने का सौभाग्य फैकल्टी आफ इंजीनियरिंग के एचओडी डा. रवि जैन, सरस जैन, द्वितीय रजत कलश से शांतिधारा करने का सौभाग्य इंजीनियरिंग के छात्रों- श्रेय जैन, अतिशय जैन, सौरभ जैन, सचिन जैन, आदित्य सेठी, जतिन जैन, संस्कार जैन, नमन जैन को प्राप्त हुआ।

इस मौके पर कुलाधिपति सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी बीना जैन, ग्रुप वाइस चेयरमैन मनीष जैन, ऋचा जैन मौजूद रहे।इधर, दसलक्षण पर्व के सप्तम दिवस उत्तम तप धर्म के अवसर पर पार्श्वनाथ दिगम्बर बड़ा जैन मंदिर में विराजमान इंदौर से पधारी बृहमचरिणी आशा दीदी ने कहा ने कि इच्छाओं का नाश करना, तप है। वह तप जब आत्मा के श्रद्धान पूर्वक होता है, तब ‘उत्तम तप धर्म’ कहलाता है। जिस प्रकार, सोना आग में तपाए जाने पर अपने शुद्ध स्वरूप में प्रगट होता है ; उसी प्रकार, आत्मा स्वयं को तप-रूपी अग्नि में तपाकर अपने शुद्ध स्वरूप में प्रगट होता है।

पर्युषण महापर्व के सातवें में दिन की शांतिधारा के पुण्यार्जक पंकज जैन यश जैन, अतिशय जैन बारादरी बुद्धिविहार रहे। दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष अनिल जैन व मंत्री पंकज जैन ने अतिथियों का तिलक कर सम्मानित कर दर्शन पूजन का लाभ लिया। महिला जैन समाज की अध्यक्षा नीलम जैन व मंत्री शिखा जैन ने बताया कि तप 12 प्रकार के होते हैं और जैन समाज में बहुत से श्रावक शक्तिनुसार तप कर रहे हैं। रामगंगा विहार स्थित जैन मंदिर में धर्म दिवस के विधान में श्रीजी का प्रथम अभिषेक व शांतिधारा का लाभ मुकेश जैन व सोनिका जैन के परिवार को मिला। राकेश जैन, रजनी जैन विनीत जैन, ऊषा जैन समेत अन्य लोग मौजूद रहे।


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